मप्र में OBC आरक्षण के बिना नहीं होंगे चुनाव, विधानसभा में संकल्प पारित
भोपाल। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होने का संकल्प पेश किया। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसका समर्थन किया, जिस पर विपक्ष ने भी सहमति जताई। इसके बाद इस संकल्प को पारित कर दिया गया।
विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार को शुरू होते ही कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण को लेकर किया हंगामा। सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार को सारी स्थिति साफ करनी चाहिए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और वहां पर एप्लीकेशन फॉर रीकॉल दी गई है। इसके साथ ही जल्दी सुनवाई की अपील भी सुप्रीम कोर्ट से की जा रही है। विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ और बार-बार हंगामा करने लगा। इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही पहले दो बार 10-10 मिनट के लिए और फिर 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर मुख्यमंत्री चौहान ने अशासकीय संकल्प पेश किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हों, हम सामान्य वर्ग, एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ ही चुनाव कराना चाहते हैं। यही वजह है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। सरकार ने आज ही सुनवाई के लिए आवेदन भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने बड़े वर्ग के बिना चुनाव कराना तर्कसंगत नहीं है। मुख्यमंत्री चौहान ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम हर संभव कोशिश करेंगे कि बिना ओबीसी के चुनाव ना हों। विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा से संकल्प पारित होने के बाद अब पंचायत चुनाव टलने के आसार बन गए हैं।