संगठन में होगा फेरबदल, तैयारियों में जुटी भाजपा, सरकार ने भी तय किए मंत्रियों के नाम
भोपाल, विशेष संवाददाता। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के मंत्रिमण्डल का पहला विस्तार सप्ताहभर के अंदर अर्थात 10 माई तक हो सकता है, लेकिन मंत्रिमण्डल विस्तार के साथ-साथ भाजपा संगठन के विस्तार की तैयारी भी शुरू हो गई हैं। संभव है कि मंत्रिमण्डल विस्तार से पहले भाजपा संगठन में प्रदेश और जिला स्तर पर बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा जल्द ही अपनी कार्यकारिणी घोषित कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि मप्र में 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश एवं जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करना चाहती है। वहीं कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आए सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्रियों और विधायकों को चुनाव मैदान में उतारने से पहले की भांति उन्हें पावर देना चाहती है। इस कारण मंत्रिमण्डल विस्तार भी शीघ्र ही अर्थात इसी सप्ताह में होना तय माना जा रहा है। कोरोना संकटकाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गठित अपने मंत्रिमण्डल में सिर्फ पांच मंत्रियों को शामिल किए जाने के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दल मुखर हो गए हैं। लेकिन सरकार ने इसकी चिंता किए बिना अपना पूरा ध्यान कोरोना संक्रमण से लड़ाई पर केन्द्रित किया। पहले मंत्रिमण्डल गठन के समय भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शीघ्र ही मंत्रिमण्डल के विस्तार की बात कही थी, इस कारण माना जा रहा था कि 5 मई तक वे मंत्रिमण्डल का विस्तार कर सकते हैं। लेकिन मंगलवार 5 मई को मंत्रिमण्डल विस्तार की संभावना नगण्य हैं। कोरोना से लड़ाई के बीच सरकार की तैयारियों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सप्ताह में 10 मई से पहले मंत्रिमण्डल का विस्तार तय होना तय है।
मंत्रिमण्डल विस्तार में चारों सिंधिया समर्थक
शिवराज सरकार के पहले मंत्रिमण्डल विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक उन चार विधायकों प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी सुमन, प्रभुराम चौधरी और महेन्द्र सिंह सिसौदिया को लिया जाना तय है, जो मंत्रिमण्डल के गठन के समय छूट गए थे। इसके अलावा भाजपा के अधिकांश वरिष्ठ विधायक मंत्रिमण्डल के सदस्य बनेंगे, जो पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं। चूंकि मंत्रिमण्डल में सदस्यों की संख्या निर्धारित है। इस कारण कुछ पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमण्डल में स्वेच्छा से बाहर रहने के लिए राजी किए जाने की चर्चाएं भी हैं।
आसंदी के लिए राजी नहीं भार्गव!
सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का विस्तार वृहद रूप में होना तय है। लेकिन प्रमुख मंत्रियों के बीच विभागों के वितरण को लेकर भी सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। चर्चा है कि पार्टी ने वरिष्ठतम विधायक गोपाल भार्गव के सामने विधानसभा अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन वह इसके लिए राजी नहीं हैं।
प्रदेश के साथ जिलों में भी होगा परिवर्तन
भारतीय जनता पार्टी के संगठन विस्तार के क्रम में प्रदेशाध्यक्ष जहां प्रदेश स्तर पर अपनी कार्यकारिणी में बड़ा फेरबदल करने जा रहे हैं। वहीं कई जिलों में भी अध्यक्षों को बदला जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के ऐसे जिले जहां संगठन चुनाव नहीं हो सके थे तथा ऐसे जिलाध्यक्ष जिनके काम से प्रदेश नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। ऐसे जिलाध्यक्षों को पदच्युत कर नई नियुक्तियां की जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि संगठन चुनाव के दौरान भाजपा के 33 जिलों के अध्यक्षों का चुनाव आम सहमति से हो पाया था। शेष 23 संगठनात्मक जिलों में चुनाव नहीं हो सका था।
भाजपा कार्यालय में बढ़ी हलचल
लॉकडाउन के बीच संगठन और मंत्रिमण्डल विस्तार की तैयारियों के क्रम में प्रदेश भाजपा कार्यालय में सोमवार को वरिष्ठ भाजपा नेताओं की हलचल दिखाई दी। दिनभर में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं, मंत्री और विधायकों ने संगठन महामंत्री सुहास भगत एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा से भेंट की। इनमें प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, विधायक विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा सहित और भी कुछ वरिष्ठ नेता संगठन महामंत्री सुहास भगत से मिलने पहुंचे। वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री शर्मा और संगठन महामंत्री की भी बंद कमरे में लम्बी चर्चा हुई।