RSS On Caste Census: कास्ट सेंसस पर आरएसएस का बयान, कहा - इसे चुनावी या राजनीतिक मुद्दा न बनाएं

कास्ट सेंसस पर आरएसएस का बयान, कहा - इसे चुनावी या राजनीतिक मुद्दा न बनाएं

RSS On Caste Census 

RSS On Caste Census : पलक्कड़, केरल। कास्ट सेंसस पर आरएसएस का बयान का बयान सामने आया है। पलक्कड़ में अखिल भारतीय समन्वय बैठक के दौरान अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि, जाति जनगणना एक संवेदनशील मुद्दा है। इसे चुनावी या राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए। इसके आलावा सुनील आंबेकर ने UCC और पश्चिम बंगाल में हुई रेप की घटना पर भी संघ के विचार साझा किए।

जाति आधारित जनगणना पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि, "हमारे हिंदू समाज में, हमारी जाति एक संवेदनशील मुद्दा है... यह हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसलिए इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। न कि केवल चुनाव या राजनीति के लिए इसका इस्तेमाल होना चाहिए। सभी कल्याणकारी गतिविधियों के लिए, विशेष रूप से किसी विशेष समुदाय या जाति को संबोधित करना जो पिछड़ रहे हैं और जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, सरकार को संख्याओं की आवश्यकता होती है। जाति जनगणना करके आंखड़े लिए जा सकते हैं। इसने (सरकार ने) पहले भी (संख्याएँ) ली हैं, वह इसे ले सकती है, कोई समस्या नहीं है लेकिन यह केवल उन समुदायों और जातियों के कल्याण को संबोधित करने के लिए होना चाहिए। इसे चुनाव प्रचार के लिए एक राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।"

पश्चिम बंगाल में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण :

सुनील आंबेकर ने आगे कहा, "तीन दिवसीय बैठक में चर्चा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा बंगाल में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी...सभी ने इस पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने विभिन्न राज्यों की ऐसी ही घटनाओं के बारे में भी बताया, इन घटनाओं की गंभीरता, इनके बढ़ने के कारणों और सरकार, सरकारी तंत्र और कानूनों की भूमिका पर चर्चा की।"

UCC पर चर्चा की जा सकती है :

समान नागरिक संहिता पर आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, "मुझे लगता है कि यूसीसी मॉडल पहले से ही जनता के सामने है और उत्तराखंड में यूसीसी को अपनाने से पहले उन्होंने इसे सार्वजनिक डोमेन में रखा था। इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें 2 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए और उन्होंने इस पर चर्चा की। मुझे लगता है कि अब यह सार्वजनिक डोमेन में है। जनता को इसका अनुभव है, फिर हम इस पर चर्चा कर सकते हैं।"

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