सचिन पायलट को नहीं मिला सीएम पद तो क्या होगी अगली चाल ? क्या चुनाव से पहले ही बन जाएगी भाजपा की सरकार ? जानिए सभी के जवाब

सचिन पायलट को नहीं मिला सीएम पद तो क्या होगी अगली चाल ? क्या चुनाव से पहले ही बन जाएगी भाजपा की सरकार ? जानिए सभी के जवाब
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नईदिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अशोक गहलोत के नाम के ऐलान के बाद जैसे ही राहुल गांधी ने एक व्यक्ति - एक पद का नारा दिया। राजस्थान की राजनीति में सब कुछ बदल गया। जिस राज्य में शांति से कांग्रेस की सरकार चल रही थी। वहां दो साल बाद एक बार फिर पार्टी हाईकमान के सामने सियासी संकट खड़ा हो गया। बस फर्क इतना है की पहले बागी सचिन पायलट का गुट था, अबकी बार गहलोत गुट है।

सचिन पायलट के सीएम बनने की संभावना बनते ही कांग्रेस विधायकों में हलचल बढ़ गई। रविवार शाम बुलाई गई विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचकर सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इसके बाद दोनों पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे वापिस दिल्ली लौट गए। ऐसे में सचिन पायलट जो मुख्यमंत्री बनने की घोषणा का ऐलान कर रहे थे, उनके अरमानों पर पानी फिर गया। इन परिस्थियों में एक साथ कई सवाल खड़े हो गए। जैसे अब गांधी परिवार अशोक गहलोत को अध्यक्ष के पद पर बैठाएगा? अब सचिन पायलट का अगला कदम क्या होगा ? क्या सरकार गिर सकती है?

गहलोत के चुनाव लड़ने पर संशय -

आइए हम इन्ही सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते है। राजनीतिक जानकारों की माने तो जो कल रविवार रात जयपुर में हुआ, उससे कई हद तक मुख्यमंत्री गहलोत की छवि खराब हुई है। बता दें की असलियत ये है की शुरू में गहलोत अध्यक्ष और सीएम दोनों पद अपने पास रखना चाहते थे लेकिन राहुल गाँधी की एंट्री के बाद उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। जिसकी भरपाई वह अब अपने समर्थित विधायकों से प्रेशर बनाकर पूरा करना चाहते है। राजनीति के जादूगर कहलाए जाने वाले गहलोत यहां दोनों पदों को पाने के लिए अपना जादू का खेल दिखाने की कोशिश कर रहे है।हालाँकि इस खींचतान से राजस्थान में सियासी संकट बड़ा बन सकता है। अगले साल होने वाले चुनावों से पहले पार्टी हाईकमान किसी प्रकार की रिस्क लेना नहीं चाहेगा। ऐसे में माना जा रहा है की सियासी संकट का हल नहीं निकलता तो गांधी परिवार गहलोत को अध्यक्ष पद का चुनाव ना लड़ने के लिए कह सकता है।

पायलट की चाल -

अब बात करते है दूसरे सवाल की यदि गहलोत अध्यक्ष बन जाते है और पार्टी हाईकमान की प्रेशर पॉलिटिक्स में आकर सचिन पायलट की जगह गहलोत गुट के किसी और नेता को सीएम पद दे देता है तो पायलट क्या करेंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है फिलहाल राजस्थान के राजनीतिक हालात पंजाब के जैसे है। जहां नवजोत सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच के टकराव के बाद पार्टी में फूट पड़ गई थी। यहां भी दोनों दलों में से किसी एक में असंतोष होने पर पार्टी में फूट पड़ना संभव है।

अलग पार्टी बना सकते है -

सचिन पायलट की बात करे तो सीएम पाद ना मिलने पर पहली संभावना ये है की वह कांग्रेस छोड़ गुलाम नबी आजाद और अमरिंदर सिंह की तरह अलग पार्टी का ऐलान कर सकते है। 2023 के चुनाव में वह भाजपा से गठबंधन कर कांग्रेस को टक्कर दे सकते है। या चुनाव बाद त्रिशंकु की स्थिति में भाजपा को समर्थन देकर सरकार में शामिल हो सकते है।

भाजपा में शामिल -

दूसरी संभावना ये है की वह दूसरी पार्टी ना बनाकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते है।जिसके बाद कांग्रेस के सरकार बचाने का संकट खड़ा हो जाएगा। यदि उनके साथ बड़ी संख्या में विधायक पाला बदलते है तो 2023 से पहले ही भाजपा सरकार में वापसी कर सकती है।



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