अरुणाचल में 13,800 फीट ऊंचाई पर बनी सुरंग "सेला" राष्ट्र को समर्पित, 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी नींव

अरुणाचल में 13,800 फीट ऊंचाई पर बनी सुरंग सेला राष्ट्र को समर्पित, 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी नींव
X

- सेला दर्रे पर 980 मीटर लंबी सुरंग बनने से अरुणाचल प्रदेश का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा

- अत्याधुनिक न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि से 13,800 फीट ऊंचाई पर बनाई गई है अनूठी सुरंग

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में सेला सुरंग का उद्घाटन किया। यह सुरंग राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी और क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही ''इंडिया@75 मोटरसाइकिल अभियान'' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।


प्रधानमंत्री ने रखी थी सुरंग की नींव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड़ के माध्यम से तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सेला सुरंग परियोजना की आधारशिला रखी थी। परियोजना की 980 मीटर लंबी दूसरी सुरंग पर पहले ही 700 मीटर से अधिक लंबाई तक काम हो चुका है। इसके पूरा होने पर 1.5 किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग 13 हजार 800 फीट से अधिक की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी दो-लेन की सड़क सुरंगों में से एक होगी। नवीनतम न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का उपयोग करके बनाई गई यह अनूठी सुरंग बर्फ की निकासी की चुनौतियों के बिना सभी मौसमों में यात्रा के लिए अनुकूल होगी।

हर मौसम में मिलेगी देश के शेष हिस्सों से कनेक्टिविटी

अरुणाचल प्रदेश में 317 किलोमीटर लंबी बालीपारा-चारदुआर-तवांग (बीसीटी) सड़क पर सेला दर्रा 13 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर है। इसके जरिये अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग, पूर्वी कामेंग और तवांग जिलों को हर मौसम में देश के शेष हिस्सों से कनेक्टिविटी मिलेगी। यह सुरंग तवांग के लोगों के लिए एक वरदान साबित होगी, क्योंकि यह यात्रा में लगने वाले समय को कम करेगी और सेला दर्रे में तेजी से आवाजाही सुनिश्चित करेगी।

अरुणाचल के लिए जीवन-रेखा साबित होगी सेला सुरंग

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में बनाई गई सेला सुरंग राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा कि यह अत्याधुनिक सुरंग तवांग ही नहीं बल्कि पूरे अरुणाचल राज्य के लिए जीवन-रेखा साबित होगी। रक्षामंत्री ने 10 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग, रोहतांग टनल और पूर्वी लद्दाख में 19 हजार 300 फीट पर दुनिया का सबसे ऊंचे मोटरेबल उमलिंगला दर्रा के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि बीआरओ की हाल की ये उपलब्धियां पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बन गई हैं।

इंडिया@75 बीआरओ मोटरसाइकिल अभियान''

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज ही ''इंडिया@75 बीआरओ मोटरसाइकिल अभियान'' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान ''आजादी का अमृत महोत्सव'' का हिस्सा है, जिसे देशभर में आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। भारतीय सेना और जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स के जवानों सहित बीआरओ के 75 मोटरसाइकिल सवार अगले 75 दिनों में लगभग 20 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। ये जवान स्थानीय लोगों, स्कूली बच्चों, वीरता पुरस्कार विजेताओं, पूर्व-सैनिकों और वीर नारियों के साथ बातचीत करेंगे, चिकित्सा शिविर आयोजित करेंगे और स्वच्छ भारत अभियान तथा सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाएंगे।

सात चरणों में 75 दिनों तक चलेगा अभियान

यह इंडिया गेट से, रोहतांग, खारदुंग ला और उमलिंग ला को पार करते हुए अत्यधिक ऊंचाई वाले उत्तरी क्षेत्रों में आगे बढ़ेगा। दूसरे चरण में टीम श्रीनगर से सिलीगुड़ी की यात्रा करेगी। तीसरे और चौथे चरण में, सिलीगुड़ी से डूम डूमा तक गंगटोक होते हुए अभियान कोलकाता पहुंचने से पहले उत्तर-पूर्वी राज्यों से होते हुए आगे बढ़ेगा। पांचवें और छठे चरण में यह अभियान देश के पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। अंतिम चरण में रेगिस्तान से गुजरते हुए टीम 27 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली पहुंचेगी।

इस अवसर पर रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Tags

Next Story