अहमदाबाद: GST फ्राड केस में गिरफ्तार हुए वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा, जानिए पूरा मामला...
गुजरात के द हिंदू अखबार के वरिष्ठ सहायक संपादक महेश लांगा को मंगलवार सुबह तीन अन्य लोगों के साथ अपराध शाखा (डीसीबी) द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि महेश की गिरफ्तारी GST (Goods and Service Tax) धोखाधड़ी मामले में हुई है।
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अजीत राजियन ने लांगा की गिरफ्तारी की पुष्टि की और कहा कि “क्राइम ब्रांच ने मंगलवार, 8 अक्टूबर की सुबह पत्रकार महेश लांगा को गिरफ्तार किया हमने उनके पास से 20 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी, कुछ सोना और कई जमीन के दस्तावेज बरामद किए हैं।"
GST की धोखधड़ी से सरकारी खजाने को हुआ नकसान
पुलिस का आरोप है कि जीएसटी की धोखाधड़ी से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है, क्योंकि आरोपियों ने फर्जी बिलों के जरिए फर्जी आईटीसी का लाभ उठाया और उसे आगे बढ़ाया।
केंद्रीय जीएसटी विभाग की शिकायत के बाद अपराध शाखा ने अहमदाबाद, जूनागढ़, सूरत, खेड़ा और भावनगर में 14 जगहों पर छापेमारी की, जिसके बाद यह गिरफ्तारी हुई।
अपराध शाखा ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि 200 से अधिक फर्जी कंपनियां कथित तौर पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए धोखाधड़ी में शामिल हैं। कथित तौर पर फर्मों ने करों की चोरी को सुविधाजनक बनाने के लिए जाली पहचान और दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इस रैकेट में इस्तेमाल किए गए जाली दस्तावेजों के आधार पर 220 से अधिक बेनामी फर्म स्थापित की गई हैं।
धोखाधड़ी मेंं पत्रकार के पिता और पन्ती का नाम भी शामिल
केंद्रीय जीएसटी को महेश लंगा की पत्नी और पिता के नाम पर जाली दस्तावेज मिले हैं, जिनका इस्तेमाल उन फर्जी फर्मों में संदिग्ध लेनदेन के लिए किया गया था। क्राइम ब्रांच ने एक बयान में कहा, "शुरुआती जांच से पता चलता है कि फर्जी बिलिंग, फर्जी दस्तावेज और गलत बयानी के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व चूना लगाने की साजिश रची गई थी।"
क्राइम ब्रांच ने मामले के सिलसिले में ध्रुवी एंटरप्राइज, ओम कंस्ट्रक्शन, राज इंफ्रा, हरेश कंस्ट्रक्शन कंपनी और डीए एंटरप्राइज समेत कई लोगों और संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है।