सीनियर लॉयर कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड: 70 मीटर की पुलिस बूथ से दूरी, बेखौफ हमलावरों ने उड़ाई वकील की कनपटी

सीनियर लॉयर कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड: 70 मीटर की पुलिस बूथ से दूरी, बेखौफ हमलावरों ने उड़ाई वकील की कनपटी
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मंगल को अमंगल : 8.45 बजे शाम दहला सिटी ऑफ हार्ट सिनेमा चौराहा और बाकी शहर, बीचो-बीच सरेशाम वारदात से सनसनी, पुलिस अलर्ट मोड पर

हरदोई। मंगलवार शाम कोई पौने आठ बजे शहर के बीचोबीच सिनेमा चौराहा से राजधानी रोड की ओर पुलिस बूथ से कोई 70 से 75 मीटर की दूरी पर मेहरोत्रा कोठी में घुस कर दो हमलावरों ने नामी वकील कनिष्क मेहरोत्रा की कनपटी पर तमंचा सटा गोली से उड़ा दिया और आराम से ऐसे निकल लिए की खबर लिखे जाने तक हरदोई के पुलिस के हाथ नहीं लगे थे। वकील घर ने कलेक्टर और पुलिस दफ्तर जाकर दो दिन का वक्त दिया है हमलावरों को पकड़ने के लिए। साथ ही 5 दिन कोर्ट कचहरी से अलग रहने का फैसला भी लिया।

वारदात के बाद पुलिस महकमे के होश फाख्ता हो गए। एसपी भागे भागे मौके पर पहुंचे। चेहरे पर हवाइयां उड़ी हुई थीं। उड़ी हुई भी क्यों नहीं होतीं, महीने भर के ’जादौन के इकबाल’ को शहर के बीचोबीच ’शूट’ कर शूटर शहर के सुरक्षित रास्तों से लापता हो गया था। कनिष्क को मेडिकल कॉलेज ले जरूर जाया गया, पर कुछ बचा नहीं था, फिर राजधानी रेफर किया गया और वहीं पोस्टमार्टम भी हुआ। एसपी को कनिष्क के भाई हर्ष ने संपत्ति विवाद की कुछ जानकारी दी। एसपी की गठित टीमों ने काम शुरू किया। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह यादव वीरे को उनके गांव बरगदापुरवा से अरवल पुलिस ने आधी रात को उठा लिया।

शहर से भी तीन रसूख वाले लोग उठाए गए, कुल 4 को पुलिस ने कस्टडी में लिया। दरअसल इन सबने विवादित मेहरोत्रा कोठी में बड़ा हिस्सा खरीदा था। कनिष्क के भाई हर्ष ने सार्वजनिक बयान दिया कि, पांच छह लोग हैं, जो यहां होटल बनाना चाहते थे और कोठी का कनिष्क के कब्जे वाले हिस्से को बेचने का दबाव बना रहे थे। बहरहाल पुलिस संपत्ति विवाद के साथ व्यक्तिगत और व्यावसायिक ज़िंदगी के पन्ने भी उलट रही है कनिष्क के।

मृतक अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा

वारदात की रात ही वकील बड़ी संख्या में कनिष्क के घर पहुंच गए थे। गुस्साए वकीलों ने राजधानी रोड पर कुछ देर आवागमन भी रोक दिया था। शहर में सरेशाम शूटआउट से दुकानें जल्दी बढ़ गईं। पुलिस की बढ़ी चहलकदमी से लोगों के कदम घरों की ओर बढ़ने लगे। शहर में एक अजीब सी खामोशी थी। सुबह वकील फिर कनिष्क के घर इकट्ठे हुए, हरदोई बार अध्यक्ष कृष्ण दत्त शुक्ला टुल्लू बाबू की अगुवाई में वकीलों ने मानव श्रृंखला बनाई। इसके बाद जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह को मिल कर मंगल को हुए अमंगल के चलते 5 न्यायिक कार्य से विरत रहने की चिट्ठी दे दी।

वकीलों ने अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की भी मांग की है। सिंह ने घटना दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मजबूत कार्यवाही का भरोसा दिया। पुलिस दफ्तर पहुंच कर एसपी नीरज जादौन को भी पत्र दिया और वारदात का दो दिन में खुलासा करने का अल्टीमेटम दिया। जादौन ने वकीलों को बेस्ट देने का आश्वासन दिया। एसपी ने पत्रकारों को बताया, एफआईआर के बाद तमाम पहलुओं पर विवेचना हो रही है। हमलावरों की अरेस्टिंग के लिए सभी जरूरी उपाय हो रहे हैं। हाथ बहुत जल्दी गुनहगारों तक पहुंचेंगे। केस हर्ष की तहरीर पर रजिस्टर हुआ है। सवायजपुर, शाहाबाद और संडीला बार ने भी विरोध मार्च किया और अपने अपने डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन देकर हमलावरों की जल्द गिरफ्तारी की मांग भी उठाई।

कनिष्क किसी के लिए राहत, किसी के लिए रहे आफत का सबब : कनिष्क मेहरोत्रा फौजदारी के सीनियर वकील थे। हमलावर कोर्ट मैरिज की बात करने के बहाने से मिलने और कनपटी पर गोली दाग दी। हमलावरों ने मुंशी दिनेश चंद्र को कोर्ट मैरिज की बात कही थी और वो ही उन्हें लेकर चैंबर में पहुंचे थे। एक ने कनिष्क के हाथ फाइल थमाई और दूसरे ने गोली दाग दी। एक बाहर था, तीनों बाइक से फरार हो गए।

कनिष्क के पिता स्व.जुगुल नारायण मेहरोत्रा 12 बरस जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) रहे, 65 साल के कनिष्क भी मास्टर माइंड काउंसिल थे, खासकर उन मामलों में जिनमें पुलिस रपट दर्ज नहीं करती थी या फर्जी दर्ज करती थी, ऐसे में धारा 156(3) को कनिष्क ने इस हद तक मारक हथियार बना लिया था कि कोर्ट में प्रतिपक्षी की दलीलों को तहस नहस कर देते थे। सीनियर वकील और पत्रकार स्व. आलोक श्रीवास्तव उनके बारे में कहते हैं, 156(3) के मामले में कनिष्क के पास देश भर की हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की हर लेटेस्ट रूलिंग मिल जाएगी। इस तरह के तमाम मामलों की कनिष्क पैरवी करते थे, इस कारण वह किसी के लिए देवदूत तो किसी की आँख की किरकिरी बन जाते थे। आठ बरस पहले पत्नी के देहान्त के बाद कनिष्क एकाकी पड़ गए।

बेटा आशीष मेहरोत्रा मुम्बई में एक बैंक का वाइस प्रेसीडेंट और बेटी अरु बेंगलुरु में इंजीनियर बताए जाते हैं। तीसरे भाई कानपुर रहते हैं। मेहरोत्रा कोठी के नाम से जानी जाने वाली ये प्रॉपर्टी शहर के मशहूर डॉक्टर नंदू (आनंद अस्थाना) की भाभी की थी, जो जुगुल नारायण मेहरोत्रा ने कोई 70 के दशक में किराए पर ली थी। इसके बाद से कनिष्क के कब्जे वाले हिस्से को छोड़ कर बाकी कोठी का हिस्सा बिक चुका है, जिसमे बड़ा हिस्सा दो खरीदारी के पास है। कुल प्रॉपर्टी का एरिया 12 हजार स्क्वायर फीट बताया जाता है।

खबर लिखे जाने तक पुलिस की गाड़ियां सांय-सांय बत्ती लपलपाती गाड़ियां ईंधन फूंक रहीं थी, पर हाथ उनके हमलावरों की परछाई भी नहीं लगी थी। आज जादौन ने जनसुनवाई भी पूरी नहीं की। फरियादी बड़ी संख्या में बैठे रहे और वो दोपहर 2.40 बजे झीनी बारिश के बीच दफ्तर के बैकडोर से निकल गए। सांडी में बिटिया का गला रेत कर आंखें निकालने वाला कुंदरौली सादिकपुर का वीरेन्द्र पकड़ा गया है। एसपी ने मीडिया ग्रुप में बाइट से जानकारी दी, बाकी भी जल्दी पकड़े जाएंगे।


यूपी बार के सेक्रेटरी प्रशान्त ने घटना दुस्साहसिक : चीफ स्टैंडिंग काउंसिल और यूपी बार के सदस्य सचिव, प्रदेश संयोजक भाजपा विधि प्रकोष्ठ प्रशांत सिंह अटल ने सीनियर काउंसिल कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या की घटना की भर्त्सना की। कहा, चैम्बर में काम करते अधिवक्ता सुरक्षित नहीं हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है और शर्मनाक भी। पुलिस को हत्यारों को पकड़ कर जेल भेजना चाहिए और प्रशासन को अधिवक्ता परिवार को बिना देर मुआवजा देना चाहिए। प्रशान्त ने कहा, यूपी बार और वह निजी रूप से दिवंगत अधिवक्ता के दुखी परिवार के साथ हैं और उनके इंसाफ की लड़ाई मजबूती से लड़ी जाएगी।

पत्रकारों से मुखातिब आईजी


इन्वेस्टिगेशन राइट अर्नेस्ट और डायरेक्शन में : आईजी प्रशांत कुमार बुधवार शाम कनिष्क मेहरोत्रा के घर पहुंचे और मर्डर स्पॉट देखा। परिजनों से बात की। बाहर आए तो मीडिया से भी मुखातिब हुए। बोले, इन्वेस्टिगेशन प्रोग्रेस कर रही है, डिटेल पब्लिक डोमेन में शेयर नहीं कर सकते। इन्वेस्टिगेशन सही दिशा में चल रही है। संपत्ति विवाद सहित सभी पॉसिबल एंगल हैं, सबको ओपन रख कर चल रहे हैं। लीड्स मिली हैं, जब फर्टीलाई हो जाएंगी, लगाई गई टीमें कॉर्डिनेट कर के जल्दी नतीजा देंगी। जल्दी ही हम रिजल्ट्स के साथ आपके सामने होंगे।

...BY - बृजेश 'कबीर'

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