अब शिवसेना से छीन सकती है 'मशाल', शरद पवार ने दी सलाह- फैसला स्वीकारें, आगे बढ़े
मुंबई। चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का नाम और निशान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को सौंपंने के बाद आज उद्धव ठाकरे ने अपने गुटके नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में तय किया गया है कि पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और लोगों को यह बताएंगे कि उनका चुनाव चिन्ह चोरी हुआ है।चुनाव आयोग के फैसले को शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी का चुनाव चिह्न 'तीर-कमान' चोरी हो गया है। उन्होंने कहा कि चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। वह पकड़ा गया है। मैं चोर को तीर-कमान लेकर मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम एक जलती हुई मशाल से उसका मुकाबला करेंगे। इसी बीच राकांपा नेता शरद पवार ने उन्हें सलाह दी है की पिछली बातें भूलकर आगे बढ़ें। शरद पवार ने कहा कि जब कोई फैसला आ जाता है, तो चर्चा नहीं करनी चाहिए। इसे स्वीकार करें, नया चिह्न लें। पुराना चिह्न खोने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि, NCP नेता अजित पवार ने आयोग के इस फैसले को अप्रत्याशित बताया है।
अब मशाल पर खतरा -
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी का चुनाव चिह्न मसाल और नाम दोनों खतरे में हैं। चुनाव आयोग ने इस नाम और मसाल चुनाव चिह्न का आवंटन सिर्फ उपचुनाव तक करने के लिए ही अनुमति दिया है। इसलिए 26 फरवरी को महाराष्ट्र में उपचुनाव हो जाने के बाद शिवसेना (उबाठा) को पार्टी के नए नाम और चुनाव चिन्ह के लिए चुनाव आयोग के पास नए तरीके से संघर्ष करना होगा।
दरअसल, शुक्रवार को चुनाव आयोग ने शिवसेना नाम और उसका चुनाव चिह्न धनुष बाण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को दिए जाने का आदेश जारी कर दिया है। इससे पहले दोनों पक्षों ने अर्थात उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग में गुहार लगाई थी। दोनों पक्षों के विवाद को देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्य में उपचुनाव तक उद्धव ठाकरे को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और मसाल चुनाव चिह्न और एकनाथ शिंदे को बालासाहेब की शिवसेना और ढाल तलवार चुनाव चिह्न सिर्फ उपचुनाव तक के आवंटित कर दिया था। चुनाव आयोग से उद्धव ठाकरे को मिले पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न की वैधता अवधि 26 फरवरी को समाप्त हो रही है। इस संबंध में अभी तक चुनाव आयोग ने कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया है।
समता पार्टी ने जताई आपत्ति -
समता पार्टी ने पहले ही शिवसेना (उबाठा) को दिए गए मसाल चुनाव चिन्ह पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। समता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश झा ने शनिवार को मीडिया को बताया कि मसाल चुनाव चिन्ह पर उनका दावा बरकरार है। झा ने कहा कि वे चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मसाल चुनाव चिन्ह समता पार्टी के लिए रखे जाने की मांग करने वाले हैं। जब उनकी समता पार्टी की वोटिंग पूरे देश में छह फीसदी हो जाएगी , उस समय यह चुनाव चिन्ह उन्हें (समता पार्टी) को दिए जाने की मांग करने वाले हैं