1 जुलाई से बैन हो जाएगी सिंगल यूज प्लास्टिक, अगला नंबर 120 माइक्रोन का...

1 जुलाई से बैन हो जाएगी सिंगल यूज प्लास्टिक, अगला नंबर 120 माइक्रोन का...
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वेबडेस्क। भारत में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने जा रही है।जिसके बाद देश में पानी के पाउच, कोल्ड ड्रिंक के प्लाटिक बैग, दोने, पत्तल, गिलास, पॉली बैग, पानी की बोतल आदि कई सामान का उपयोग बंद हो जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से सरकार का ये फैसला बेहद सराहनीय है। इससे उन कंपनियों के सामने संकट पैदा हो गया है जो अपने प्रोडक्ट्स को सिंगल यूज प्लास्टिक में भरकर बेचती है।

भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक का बड़ी मात्रा में उपयोग होता है। इसी की वजह से देश में बड़ी मात्रा में प्लाटिक वेस्ट निकल रहा है, जोकि पर्यावरण को दूषित कर रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार जिस तेजी से हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक का उपयोग कर रहे है। उस हिसाब से साल 2024 तक 2024 तक दुनिया भर में 14 अरब अरब टन प्लास्टिक कचरा जमा हो चुका होगा। वर्तमान में हर साल दुनिया में करीब 30 करोड़ टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है। जोकि हमारे ग्रह के लिए काफी हानिकारक है। इस समस्या को बढ़ती देख कई देशों ने जहां सिंगल यूज प्लास्टिक को अपने यहाँ प्रतिबंधित कर रखा है। वहीं अब भारत भी इस और एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है।

लगेगा भारी जुर्माना -

सरकार कई सालों से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने में लगी है लेकिन हमेशा कंपनियों के दवाब में आने के बाद अपना फैसला बदलना पड़ता है लेकिन इस बार सरकार अपने फैसले पर अडिग नज़र आ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंध लागू होने के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वालों के लिए जुर्माना भी तय कर दिया है। यदि कोई व्यक्ति पहली बार इसका उपयोग करते हुए मिला तो 500 रूपए और दूसरी बार पर एक हजार एवं तीसरी बार में दो हजार रूपए जुर्माना लगाया जाएगा।

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक -

सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट वे प्रोडक्ट होते है जिनका उपयोग एक बार ही किया जाता है। एक बार के उपयोग के बाद वे सिर्फ वेस्ट प्रोडक्ट या कचरा बन जाते है। वहीँ तकनिकी भाषा में कहे तो ऐसे प्लास्टिक प्रोडक्ट जो 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले होते हैं, जैसे गुब्बारा, पन्नी, झंडे, स्ट्रॉ, रैपर, प्लास्टिक बैग आदि सिंगल यूज प्लास्टिक होते है। इस श्रेणी में 120 माइक्रोन वाले प्लास्टिक बैग भी शामिल है, जो 31 दिसम्बर से देशभर में प्रतिबंधित हो जाएंगे। बड़ी बात ये है की ऐसे प्रोडक्ट्स को नाही आसानी से नष्ट किया जा सकता है और नाही रिसाइकिल किया जा सकता है। दुनिया में वायु, जल और मृदा प्रदूषण बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी भूमिका सिंगल यूज प्लास्टिक की है।

सिंगल यूज प्लास्टिक इन देशों में बैन -

भारत से पहले कई देश सिंगल यूज प्लास्टिक को अपने यहां बैन कर चुके है। जिसमें ताइवान दुनिया का पहला देश हैं, जहां 2019 से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन है। इसके अलावा कनाडा, फ़्रांस, यूके, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, केन्या में सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह बैन है।


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