संसद और विधानसभाएं हमारे लोकतंत्र के पवित्र मंदिर : सोनिया गांधी

संसद और विधानसभाएं हमारे लोकतंत्र के पवित्र मंदिर : सोनिया गांधी
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नईदिल्ली। पिछले कुछ समय से लोकतंत्र के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुईं। जिनसे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हुई हैं। लोकशाही पर तानाशाही का प्रभाव भी बढ़ा है। संसद और विधानसभाएं हमारे लोकतंत्र के पवित्र मंदिर हैं, इन्हीं मंदिरों से हमारे संविधान की रक्षा होती है। लेकिन हमें याद रखना होगा कि हमारा संविधान इन भवनों से नहीं भावनाओं से बचा रहेगा। इन भवनों से दूषित और गलत भावनाओं के प्रवेश को रोकना होगा, तभी हमारा संविधान बचेगा।

उक्त बातें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम बाद जारी अपने वीडियो संदेश में कही। उन्होंने कहा कि 15 वर्ष की लंबी अवधि के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है। पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ में जो हुआ वह उदाहरण है कि एक दिशाहीन और विचारहीन सरकार जनहित के बारे में कभी नहीं सोच सकती।

सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ सरकार के कामों की तारीफ करते हुए उन्होंने प्रसन्नता जताई कि वर्तमान की राज्य सरकार सही दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि राज्य के अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर अब कांग्रेस की सरकार योजनाएं ला रही है। इसी दृष्टीकोण की वजह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोगों का दिल जीत रहे हैं और यही सरकारों का काम होता है।

विधानसभा के दरवाजे आम आदमी के लिए खुले रहेंगे-

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के संदेश को राज्य के मंत्री रविंद्र चौबे ने पढ़ा। संदेश में राहुल की तरफ से कहा गया, "छत्तीसगढ़ की सरकार गरीबों को न्याय योजना के तहत पैसे देने का काम कर रही है, मैं इसकी प्रशंसा करता हूं। यह सरकार गरीब, किसान, आदिवासी और आम जनता के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मुझे उम्मीद है कि नए विधानसभा के दरवाजे आम आदमी के लिए हमेशा खुले रहेंगे।"


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