Success Story of Annu Rani: पिता के पास नहीं थे जेवलिन खरीदने के पैसे, अब ओलंंपिक में कर रही हैं भारत का नाम रोशन…
Success Story of Annu Rani: कहते हैं कि इंसान गरीबी में भले जन्म ले लेता है पर वह गरीबी में जीना, उससे लड़ना सीख कर आसमान की उंचाई को छूने का प्रयास करता है। संघर्ष का दौर हर व्यक्ति के जीवन में आता है। कुछ संघर्ष की नदी को पार कर दूसरे किनारे पर पहुंच जाते हैं, तो कुछ हार कर जो चल रहा है उसी को अपनी किस्मत मानकर कर आगे बढ़ते रहते हैं। कुछ इस प्रकार ही कहानी है अन्नू रानी की, जो आज़ ओलंपिक में भारत का नाम रोशन कर रही हैं।
कौन है अन्नू रानी
अन्नू रानी पेरिस ओलिंपिक 2024 तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला जैवलिन थ्रोअर हैं और अन्नू रानी अब रिकॉर्ड होल्डर बन चुकी हैं। अन्नू रानी ने 60 मीटर से ज्यादा जैवलिन थ्रो करने वाली इकलौती भारतीय महिला हैं। चार बार अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं। इस लिहाज से उनसे ओलिंपिक मेडल की भी उम्मीद हैं।
अन्नू रानी उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। एक छोटा सा गांव बहादुरपुर, पिता अमरपाल किसान हैं, परिवार में 5 सदस्य पत्नी, दो बेटे और अन्नू समेत दो बेटियां हैं। घर की स्थिति ठीक नहीं थी, जब आश्रम में उन्हें दान मिला तो उन्होंने पहली बार अच्छे जूते खरीदे थे।
पिता ने कहा खेलना छोड़ दो
अन्नू के पिता अमरपाल का जेब जवाब नहीं देता था कि वो अपनी लड़की को खेल में आगे बढ़ा पाए, पिता नहीं चाहते थे अन्नू कोई गेम खेले, हालांकि, घर की हालत और गरीबी को अन्नू बखूबी जानती थी। इसलिए वो जिद नहीं करती, घर के पीछे खेत में गन्ना फेंककर प्रैक्टिस कर लेती थी। बाद में स्कूल के हेडमास्टर ने उसे बांस का जैवलिन लाकर दिया। वो खेल में आगे बढ़ने लगी, तब अन्नू के पिता अमरपाल ने पहला प्रोफेशनल जैवलिन खरीदा। जो 2,500 रुपए का था।
अब आने वाले ठीक 4 दिनों के बाद अन्नू 7 अगस्त को पेरिस ओलिंपिक में जैवलिन थ्रो का क्वालिफाइंग राउंड खेलेंगी। वे ओलिंपिक तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला जैवलिन थ्रोअर हैं। नेशनल रिकॉर्ड होल्डर हैं, 60 मीटर से ज्यादा जैवलिन थ्रो करने वाली इकलौती भारतीय महिला हैं।