बिलासपुर: अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत

अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत
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दो बाघों के बीच टेरिटोरियल फाइट में गई एक की जान

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के लमनी क्षेत्र के चिरहट्टा इलाके में एकेटी 13 नामक बाघिन की मौत हो गई है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह घटना दो बाघों के बीच क्षेत्रीय संघर्ष (टेरेटोरियल फाइट) का परिणाम है। इस घटना की पुष्टि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) सुधीर अग्रवाल ने की है।

घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता पर सवाल उठ रहे हैं। सूचना मिलने के बावजूद अधिकारी लंच के बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे, जो वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनकी गंभीरता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। एकेटी 13 बाघिन ने अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया, लेकिन इस टकराव में उसकी जान चली गई। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना बाघों के प्राकृतिक आवास की सीमाओं को लेकर बढ़ते संघर्ष का संकेत देती है। अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने घटना स्थल का दौरा कर जांच शुरू कर दी है।

राज्य में घटते जा रहे बाघ

छत्तीसगढ़ में बाघों की घटती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। 2014 में राज्य में 46 बाघ थे, जो 2018 में घटकर केवल 19 रह गए। हालांकि, 2024 में हुई गणना के अनुसार, अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी, जिसमें 3 बाघ और 7 बाघिन शामिल थी। बाघों की घटती संख्या के मद्देनजर राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश से तीन बाघों को लाने का निर्णय लिया है, ताकि राज्य में बाघों की आबादी को बढ़ाया जा सके।

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