शाहीन बाग पर माकपा को लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा-राजनीतिक दल की याचिका पर क्यों सुनवाई करें ?
नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के लिए चल रही बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सीपीएम दिल्ली राज्य कमेटी की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीपीएम को दिल्ली हाई कोर्ट जाने को कहा।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील पीवी सुरेंद्रनाथ से कहा कि इसमें याचिकाकर्ता के अधिकारों का हनन कहां हुआ है। कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के मामले पर हम राजनीतिक दल की याचिका पर सुनवाई क्यों करें, कोई पीड़ित क्यों नहीं आया। हाई कोर्ट में रिट याचिका को लेकर ज्यादा अधिकार हैं। सुनवाई के दौरान दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अतिक्रमण हटा रहे हैं।
सीपीएम की दिल्ली राज्य कमेटी ने दक्षिण दिल्ली में चल रही बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। पार्टी ने याचिका में कहा था कि गैरकानूनी तरीके से अतिक्रमण हटाने को अंजाम दिया जा रहा है।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई -
पार्टी ने कहा था कि दिल्ली नगर निगम अब 9 से 13 मई के बीच शाहीन बाग और दूसरे इलाकों में ऐसे ही कार्रवाई की प्लानिंग कर रही है। याचिका में कहा गया था कि अतिक्रमण हटाने के लिए अल्पसंख्यकों को खास निशाना बनाया जा रहा है। बिना किसी पूर्व नोटिस के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम देने की कोशिश हो रही है। पार्टी ने कहा है कि कोर्ट इस पर रोक लगाए।
रोक के आदेश -
21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने पर रोक के आदेश को बरकरार रखा था। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया था। उसके पहले 20 अप्रैल को चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरोजिनी नगर में झुग्गियों के अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी थी।