IAS कोचिंग नहीं बल्कि 'डेथ चैंबर' है, छात्रों के जीवन से हो रहा खिलवाड़ - सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court On Death of Students In Delhi IAS Coaching : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानदंडों से संबंधित मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग संस्थानों में हाल ही में हुई घटनाओं पर चिंता व्यक्त की, जिसमें तीन युवा उम्मीदवारों की जान चली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी से पूछा कि अब तक क्या सुरक्षा मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही अदालत ने कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि, ये (कोचिंग सेंटर) डेथ चैंबर हैं और देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले उम्मीदवारों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह घटना आंखें खोलने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, 'दिल्ली के सभी कोचिंग संस्थानों और केंद्रों को दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 के तहत अग्नि और सुरक्षा मानदंडों का पालन करना आवश्यक है, साथ ही दिल्ली के एकीकृत भवन उपनियम, 2016 का भी पालन करना होगा। कोचिंग संस्थान तब तक ऑनलाइन संचालित होंगे जब तक कि वहां पढ़ने वाले युवाओं के सम्मानजनक जीवन के लिए सुरक्षा मानदंडों और बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन न हो। ऐसे मानदंडों में उचित वेंटिलेशन, सुरक्षा मार्ग, हवा और प्रकाश शामिल होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत का स्वतः संज्ञान लेते हुए निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि, 'हमें यकीन नहीं है कि दिल्ली एनसीटी या भारत सरकार द्वारा अब तक कोई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं, जिनमें कुछ युवाओं की जान चली गई, जो अपने करियर की तलाश में कोचिंग सेंटर में शामिल हुए थे, सभी के लिए आंखें खोलने वाली हैं।
बता दें कि, कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी गई थी। अदालत ने यह याचिका खारिज तो की ही साथ ही साथ कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि, कोचिंग फेडरेशन की याचिका पर, हम एससीबीए और एससीएओआरए में जमा करने के लिए 1 लाख का जुर्माना लगा रहे हैं।