Madrasa Board: सुप्रीम कोर्ट ने NCPCR की सिफारिश पर लगाई रोक, राज्यों को कहा था रोक दो मदरसों की फंडिंग
सुप्रीम कोर्ट ने NCPCR की सिफारिश पर लगाई रोक, राज्यों को कहा था रोक दो मदरसों की फंडिंग
Madrasa Board : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीसीआर की उस सिफारिश पर रोक लगा दी है जिसमें राज्यों से कहा गया था कि, 'वे मदरसों की फंडिंग रोक दें।' बीते दिनों NCPCR की ओर से राज्यों को लेटर जारी कर कहा गया था कि, मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को औपचारिक स्कूलों में दाखिला दिया जाए।
एनसीपीसीआर की सिफारिशों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन न करने वाले मदरसों और मदरसा बोर्डों को राज्य द्वारा दी जाने वाली धनराशि रोकने और मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को औपचारिक स्कूलों में दाखिला देने की बात कही गई थी। इसका कई लोगों द्वारा विरोध भी किया गया था। एनसीपीसीआर की सिफारिश को अदालत में चुनौती दी गई थी जिसके बाद अब अदालत ने इन सिफारिशों पर रोक लगा दी है।
NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने आयोग की रिपोर्ट 'आस्था के संरक्षक या अधिकारों के उत्पीड़क बच्चों के संवैधानिक अधिकार बनाम मदरसा' के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को पत्र लिखा था। इसमें मदरसा बोर्डों को बंद करने और गैर-मुस्लिम बच्चों को आरटीई स्कूलों में शिफ्ट करने की मांग की गई थी।
पत्र में लिखा था कि, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मदरसों और मदरसा बोर्डों को राज्य द्वारा दिया जाने वाला वित्त पोषण बंद कर दिया जाए और मदरसा बोर्डों को बंद कर दिया जाए। इसके अलावा गैर-मुस्लिम बच्चों को मदरसों से निकालकर आरटीई अधिनियम, 2009 के अनुसार बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूलों में भर्ती कराया जाए।