हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किया सुनवाई से इंकार, कहा - हाई कोर्ट ज्यादा मजबूत

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Hathras Stampede : हाथरस मामले में जांच के लिए हाई कोर्ट जा सकते हैं याचिकाकर्ता।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाथरस भगदड़ (Hathras Stampede) की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश (Retired Apex court judge) की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। हाथरस में 2 जुलाई को हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हुई थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि, यह एक परेशान करने वाली घटना है, लेकिन वह इस मामले पर यह अदालत विचार नहीं कर सकती। उच्च न्यायालय (High Court) ऐसे मामलों से निपटने के लिए मजबूत अदालतें हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से अपनी याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है।

बता दें कि, हाथरस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पेश की गई थी। रिपोर्ट में हाथरस सत्संग के आयोजकों को दोषी माना गया था। इस रिपोर्ट में अधिकारियों की लापरवाही का भी जिक्र था। गौरतलब है कि, एफआईआर या एसआईटी रिपोर्ट में कहीं भी नारायण हरि साकार का जिक्र नहीं था। हाथरस भगदड़ कांड में SIT रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्शन लेते हुए, SDM, CO समेत 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था।

एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक आयोजक, तहसील स्तर के पुलिस और प्रशासन को दोषी माना गया था। रिपोर्ट में साजिश के एंगल का भी जिक्र किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि, हाथरस भगदड़ मामले में साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। आरोप है कि, एसडीएम ने सत्संग की अनुमति देने के पहले मौके का मुआवना नहीं किया।

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