Citizenship Act Section 6A: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, नागरिकता अधिनियम की धारा 6 A की संवैधानिकता बरकरार

Supreme court

सुप्रीम कोर्ट

Citizenship Act Section 6A : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने गुरुवार को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी। इसके तहत 1 जनवरी, 1966 से पहले असम में प्रवेश करने वाले अप्रवासियों को नागरिकता प्रदान की गई थी।

बांग्लादेश से असम में प्रवासियों के प्रवेश के खिलाफ छह साल तक चले आंदोलन के बाद केंद्र की राजीव गांधी सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के बीच असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 1985 में इस धारा को कानून में जोड़ा गया था।

संविधान पीठ का नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। इस पीठ ने 5 दिसंबर से 21 दिसंबर, 2023 के बीच चार दिनों में मामले में दलीलें सुनीं। याचिकाकर्ताओं में एनजीओ असम पब्लिक वर्क्स, असम संमिलिता महासंघ और अन्य शामिल थे। जो दावा करते हैं कि, असम में नागरिकता के लिए अलग कट-ऑफ तिथि निर्धारित करना भेदभावपूर्ण व्यवहार है। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने गुरुवार को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा, जिससे 1 जनवरी, 1966 से पहले असम में प्रवेश करने वाले अप्रवासियों को नागरिकता प्रदान की जा सके।

बांग्लादेश से असम में प्रवासियों के प्रवेश के खिलाफ छह साल के लंबे आंदोलन के बाद केंद्र की राजीव गांधी सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के बीच असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 1985 में इस खंड को क़ानून में जोड़ा गया था। संविधान पीठ का नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। इसने 5 दिसंबर से 21 दिसंबर, 2023 के बीच चार दिनों तक मामले में दलीलें सुनीं। याचिकाकर्ताओं में एनजीओ असम पब्लिक वर्क्स, असम संयुक्त महासंघ और अन्य शामिल हैं, जिनका दावा है कि असम में नागरिकता के लिए अलग कट-ऑफ तिथि निर्धारित करना भेदभावपूर्ण व्यवहार है।

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