Shambhu Border : शंभु बॉर्डर पर सुप्रीम कोर्ट आज देगा फैसला, क्या खुलेगी सीमा
Shambhu Border : शंभु बॉर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? बनी रहेगी यथास्थिति या खुलेगी सीमाएं
Shambhu Border : नई दिल्ली। शंभु बॉर्डर पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला देगा। हरियाणा सरकार ने पंजाब - हरियाणा हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
पिछली सुनवाई के दौरान, बीते पांच महीने से बंद शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, आप राष्ट्रीय राजमार्ग को कैसे बंद कर सकते हैं। पिछले दिनों हरियाणा उच्च न्यायालय ने बॉर्डर को दोबारा खोले जाने का निर्णय देते हुए किसान की मौत पर एसआईटी जांच के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि, 'सरकार का काम है यातायात को नियंत्रित करना न कि, बॉर्डर को बंद कर देना। सरकार का काम है लोगों को स्वास्थ और भोजन की सुविधा मुहैया कराना। किसान भी इसी देश के नागरिक हैं। वे आएंगे नारे लगाएंगे और चले जांयेंगे।'
10 जुलाई को हाई कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार को एक हफ्ते के भीतर शंभू सीमा खोलने का निर्देश दिया था। बीते पांच महीने से पंजाब - हरियाणा को जोड़ने वाली यह सीमा बंद थी। पिछले दिनों याचिका लगाकर यह सीमा खुलवाने की मांग की गई थी। 13 फरवरी से किसान एमएसपी की लीगल गारंटी के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों के मूवमेंट को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा सीमा की बैरिकेडिंग कर दी गई थी।
बता दें कि, पंजाब के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ हरियाणा की शंभू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे। यहां सुरक्षा बल और किसानों के बीच झड़प भी हुई थी। किसान कई दिनों तक यहां डेरा डालकर बैठे हुए थे। सरकार द्वारा इन किसानों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हुए थे। प्रदर्शन के दौरान एक किसान की मौत भी हुई थी जिसकी जांच के लिए हाई कोर्ट ने एसआईटी बनाने का आदेश दिया था।
किसानों का कहना है कि, शंभु बॉर्डर खुलते ही वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसानों की इसी बात को लेकर हरियाणा सरकार शंभु बॉर्डर नहीं खोलना चाहती। पिछली बार हुई लॉ एंड ऑर्डर समस्या को देखते हुए सरकार हाई कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही है।