स्वदेशी नीतियों को लेकर संघ की प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव होगा पारित : डॉ. मनमोहन वैद्य

स्वदेशी नीतियों को लेकर संघ की प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव होगा पारित : डॉ. मनमोहन वैद्य
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दीपक उपाध्याय

समालखा, हरियाणा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में स्वदेशी और स्वावलंबी को लेकर विशेष जोर दिया जाएगा। इस बाबत एक प्रस्ताव भी पास किया जाएगा। समालखा के पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा परिसर में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि स्वाधीनता, स्वदेशी, स्वावलंबन को लेकर एक प्रस्ताव पास किया जाएगा।


स्व को लेकर समाज में आह्वाहन

संघ की प्रतिनिधि सभा से पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में डॉ. वैद्य ने कहा कि भारत के स्व के प्रकाश में भारत की नीतियां बने और समाज भी इसमें शामिल हों। स्व को लेकर समाज में आह्वाहन के लिए भी एक प्रस्ताव पास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के स्व के प्रकाश में भारत की नीतियां बनें। इस भारत को स्व के प्रकाश में आगे बढ़ने के लिए समाज की हिस्सेदारी बढ़े। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब देश में नौकरी मांगने वाले नहीं नौकरी देने वाला बनने की दिशा में एक आंदोलन चल पड़ा है। ऐसे लोगों को रोज़गार देना, ट्रेनिंग देना और प्रोत्साहन देने का काम चल रहा है। विशेषत स्वदेशी जागरण मंच के माध्यम से अनेक संगठन जुड़े हैं और ये काम बहुत अच्छा चल रहा है।

संघ की शाखाओं में बढ़ोतरी

डॉ. वैद्य ने बताया कि पहले संघ रोजाना 42,613 शाखाएं लगती थीं, जिनकी संख्या अब बढ़कर 68,651 हो गई है। हर सप्ताह संघ की 26,877 साप्ताहिक शाखा लगती हैं। संघ की 10,412 संघ मंडली है जोकि 2020 की तुलना में 6,160 शाखाएं बढ़ी हैं। साप्ताहिक बैठकें 32% बढ़कर 6,543 हो गई हैं। संघ मंडली में 20% की वृद्धि हुई है। दिल्ली के साथ-साथ देश के बड़े महानगरों में भी सप्ताह और महीने में परिवार शाखाएं लगती रही है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य भाग लेते है। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 के बाद कोरोना के बाद संघ शाखा का काम रुक गया था, लेकिन उसके बाद दोबारा काम खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि 2020 के तुलना में 6160 शाखाएं बढ़ी हैं। शाखा, साप्ताहिक मिलन से लेकर संघ मंडली तक कुल मिलाकर 71355 स्थानों की बढ़ोतरी हुई है। एक साल में ये रीच एक लाख तक पहुंचा दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि संघ ने अपने लिहाज से 911 जिले बनाए हुए हैं। इनमें से 901 जिलों में संघ का कार्य चल रहा है। यानि करीब 99 परसेंट क्षेत्र में संघ का काम चल रहा है। इसको जल्द ही 100 प्रतिशत करने का काम चल रहा है। इसी तरह खंड और मंडल स्तर भी 100 परसेंट क्षेत्र में काम चल रहा है।

डॉ. वैद्य ने कहा कि संघ के सौ साल पूरे होने पर शताब्दी साल में संघ के काम को बढ़ाने के लिए 1300 विस्तार निकले हैं और करीब 1500 और निकलने की संभावना है।

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