तालिबान ने सरकार चलाने के लिए काउंसिल का गठन किया, हामिद करजई को मिली जगह

तालिबान ने सरकार चलाने के लिए काउंसिल का गठन किया, हामिद करजई को मिली जगह
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काबुल। तालिबान ने अफगानिस्तान पर एक बार फिर से कब्जा करने के बाद देश का शासन चलाने के लिए 12 सदस्यीय काउंसिल का निर्माण किया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ राष्ट्रीय सुलह परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला और तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादर को जगह दी गई है। देश पर शासन के लिए गठित इस परिषद में आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के अलावा तालिबान के कुछ शीर्ष नेता को भी शामिल किया गया है।

तालिबान के करीबी ने बताया कि अफगानिस्तान पर राष्ट्रपति और अमीरात की जगह 12 सदस्यीय परिषद शासन करेगी। जिन नामों पर सहमति बनी है, उनमें अब्दुल गनी बरादर, तालिबान संस्थापक का पुत्र मुल्ला याकूब, हक्कानी नेटवर्क का शीर्ष सदस्य खलील-उर-रहमान, डा. अब्दुल्ला अब्दुल्ला, हामिद करजई, पूर्व गृह मंत्री हनीफ अत्मार और इस्लाम पार्टी के नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार शामिल हैं।' परिषद के बाकी पांच सदस्यों की नियुक्ति को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। हालांकि तालिबान ने इस काउंसिल के गठन पर अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया है।

ग्वांतमाओ का कैदी बना कार्यवाहक रक्षा मंत्री -

तालिबान ने ग्वांतमाओ में कभी कैदी रहे मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर को अफगानिस्तान का कार्यवाहक रक्षा मंत्री नियुक्त किया है।बता दें कि अमेरिका ने क्यूबा से लीज पर ली गई जमीन पर यह जेल बनाया था। इसे 2002 में शुरू किया गया था। यहां बेडि़यों में जकड़े अल कायदा के आतंकियों पिंजरेनुमा बाड़ों में रखा जाता था, ।

बाइडन नहीं बढ़ाएंगे सीमा -

बाइडन ने रविवार को कहा था कि वह समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन मंगलवार को अधिकारियों ने बाइडन समय सीमा नहीं बढ़ाएंगे और उन्हें 31 अगस्त तक सैनिकों की वापसी करने के पेंटागन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

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