दिल्ली के शराब घोटाले में कैसे फंस गई तेलंगाना के सीएम की बेटी ? जानिए सभी तथ्य

दिल्ली के शराब घोटाले में कैसे फंस गई तेलंगाना के सीएम की बेटी ? जानिए सभी तथ्य
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सितंबर 2021 में नई शराब नीति तैयार करने

नईदिल्ली। दिल्ली के आबकारी घोटाले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आज ईडी ने तेलांगना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के कविता को तलब किया है। उनसे दिल्‍ली आबकारी नीति 2021-22 लागू करने में हुए भ्रष्‍टाचार को लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। कविता से बुधवार को ही पूछताछ होना लेकिन उन्होंने ईडी से समय माँगा था। जिसके बाद 11 मार्च को वह ईडी के सामने पेश हुई है।

दिल्ली के शराब घोटाले में वहां की सरकार के आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया का फंसना हर किसी को समझ आ रहा है लेकिन दूर दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री के बेटी का नाम आ जाना सभी को परेशान कर रहा है। केसीआर की पार्टी बीआरएस (भारतीय राष्ट्र समिति ) भी इसे विपक्ष को परेशान करने की साजिश है। अब ऐसे में ये जानना बेहद जरुरी है की आखिर इस आरोप का सच क्या है और कैसे के कविता का नाम इस घोटाले में आ गया।

ढाई साल पहले हुई घोटाले की शुरुआत -


इसके लिए क्रमबद्ध तरीके से पूरे मामले को समझना होगा।जिसकी शुरुआत आज से करीब ढाई साल पहले हुई थी। ये वह समय था जब देश में कोरोना महमारी की दूसरी लहर जारी थी।केंद्र और राज्य सरकारें इस महामारी से निपटने के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास कर रही थी। उसी समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सितंबर 2021 में नई शराब नीति तैयार करने के लिए आबकारी आयुक्त रवि धवन की अगुवाई में एक कमेटी का गठन कर दिया था।

5 जनवरी, 2021: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया, कैलाश गहलोत और सत्येंद्र जैन को मिलाकर मंत्रियों का एक समूह बनाने का फैसला लिया।

22 मार्च, 2021: मंत्रियों के समूह ने रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट में पेश की। इसके बाद तत्कालीन आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति तैयार करने के निर्देश जारी किए थे।

21 मई 2021: केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति को मंजूरी दे दी।

17 नवंबर, 2021 : दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को लागू कर दिया। जिसके तहत दिल्ली को 32 आबकारी क्षेत्रों में बांटा दिया गया। निजी ठेकेदारों को सरकारी लाइसेंस दिए गए। कुल 849 वेंडरों को नियुक्त किया गया।

20 जुलाई 2022 : उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा कि नई आबकारी नीति में कई तरह अनियमितताएं हैं और ऐसे फैसले लिए गए हैं जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान होगा।

22 जुलाई 2022 : उपराज्यपाल के पत्र के बाद केंद्र सरकार ने शराब घोटाले के सीबीआई से जांच के आदेश दे दिए।

17 अगस्त 2022 : सीबीआई ने शराब घोटाले में पूछताछ के बाद एफआईआर दर्ज कर ली। दिल्ली के आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया समेत कुल 15 लोगों को आरोपी बनाया गया.

22 अगस्त, 2022: सीबीआई जांच में 100 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा होने बाद ईडी ने एंट्री ली। मनी लॉन्ड्रिंग के उल्लंघन के आरोपों के बाद ईडी ने को जांच शुरू की।

10 अक्टूबर 2022 : दिल्ली शराब घोटाले में पहली गिरफ्तारी हुई। सीबीआई ने बोइनपल्ली अभिषेक को घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। आंध्र प्रभा के एमडी मुत्त गौतम को भी 2 दिन बाद 12 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई ने अब तक इस मामले में रॉबिन डिस्टिलरीज, रॉबिन डिस्ट्रीब्यूटर्स कंपनियों और हैदराबाद में अरुण रामचंद्रन पिल्लई, गोरेंटला बुचिबाबू, जो सीएम केसीआर की बेटी कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया हैं।

ऐसे आया कविता का नाम -

अब बात करते है केसीआर की बेटी कविता की उसका नाम इस घोटाले में कैसे आ गया। ईडी का आरोप है कि दिल्ली सरकार द्वारा लाइ गई शराब नीति में कमीशन ज्यादा खाने के लिए गुटबंदी को बढ़ावा दिया गया था। मनीष सिसोदिया और अन्य आप नेताओं ने अपने पसंदीदा वेंडरों और शराब कारोबारियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने की कोशिश की थी। उसने बताया कि इस मनीष सिसोदिया और कविता के बीच सहमति बनी थी की दिल्ली शराब कारोबार में आपकी भागीदारी अधिक रहेगी बदले में आम आदमी पार्टी को आपको लाभ में से कमीशन देना होगा।

100 करोड़ की हेराफेरी -

इसके बाद दूसरे आरोपी दिनेश अरोड़ा ने बताया कि एल1 थोक व्यापारी के लिए एक्साइज पॉलिसी 12% प्रॉफिट मार्जिन के साथ तैयार की गई थी। इस 12% में से 6% लाभ को रिश्वत के रूप में आम आदमी पार्टी को वापिस करने की योजना बनाई थी। दक्षिण के शराब कारोबारियों ने आप नेताओं को 100 करोड़ की घूस दी, जिसके बाद एक ग्रुप बनाया गया ताकि दिल्ली में 30 फीसदी शराब कारोबार चलाया जा सके।


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