आतंकी हाफिज सईद को 31 साल की सजा, पाकिस्तान आतंकवाद पर इतना सख्त क्यों?
इस्लामाबाद। मुंबई हमलों के मास्टर माइंड और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने 31 साल कारावास की सजा सुनाई है। सईद पे ये कार्रवाई टेरर फंडिंग से जुड़े दो मामलों में की गई है।
सईद का संगठन जमात उद दावा आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का अनुषंगी है। सईद 2008 में मुंबई में हुए हमलों का मुख्य आरोपी है। जिसमें कुल 166 लोग मारे गए थे।हाफिज सईद पर पाकिस्तान की इस अदालत द्वारा पहले भी कार्रवाई की गई है। साल 2020 में अदालत ने हाफिज सईद को आतंकी वित्तपोषण (टेरर फंडिंग) मामले में अदालत ने दोषी करार दिया था। उसे साढ़े पांच साल की सजा और 15 हजार रूपए जुर्माना लगाया था।
कौन है हाफिज -
हाफिज सईद पाकिस्तानी आतंकी है, जिसका जन्म 4 जून 1950 को पाकिस्तान के पंजाब में हुआ था। हाफिज ने भारत में तांकि गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा जैसे तांकि संगठनों का गठन किया है। हाफिज सईद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित है लेकिन यह पाकिस्तान में पूरी मौज के साथ रहता है। यहां की सरकार और सेना को इसे पूरा समर्थन प्राप्त है।
FATF का डर -
माना जा रहा है की पाकिस्तान द्वारा ये हाफिज सईद पर ये कार्यवाही फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा लगाई पाबंदियों से डरकर की गई है। पाकिस्तान वर्तमान में एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल है, और काली सूची में जाने का खतरा बना हुआ है। यदि पाकिस्तान एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में शामिल होता है तो उसकी अर्थव्यवस्था पर बड़ी चोट होगी।