मसूद अजहर विवाद: आतंकवाद और पाकिस्तान का गहरा संबंध आज भी कायम, आतंकी मसूद ने एक बार फिर भारत को दी धमकी…
हाल ही में भारत ने पाकिस्तान से आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह मांग उसके हालिया विवादित भाषण के बाद उठी है, जिसमें उसने भारत और अन्य देशों के खिलाफ जहर उगला है।
मसूद अजहर के इस बयान ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ कथित कार्रवाई की सच्चाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मसूद अजहर का विवादित भाषण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मसूद अजहर ने 3 दिसंबर को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपना भाषण जारी किया। इस भाषण में उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं।
उसने कहा, "मुझे शर्म आती है कि मोदी जैसे कमजोर शख्स हमें चुनौती देते हैं, या नेतन्याहू जैसे 'चूहे' हमारी कब्र पर नाचते हैं।" इसके साथ ही उसने बाबरी मस्जिद का जिक्र करते हुए कट्टरपंथी सोच का प्रदर्शन किया और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को भारत और इजरायल के खिलाफ जिहाद छेड़ने की अपील की।
अजहर ने अपने भाषण में गाजा युद्ध का जिक्र भी किया, जिससे संकेत मिलता है कि यह भाषण हाल ही में रिकॉर्ड किया गया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह भाषण पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित उम्म-उल-कुरा मदरसा और मस्जिद परिसर से प्रसारित किया गया था, जहां अभी भी जैश-ए-मोहम्मद का प्रभाव है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय ने मसूद अजहर के भाषण पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान से उसकी गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा, "हम मांग करते हैं कि मसूद अजहर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उसे न्याय के कटघरे में लाया जाए। अगर ये रिपोर्ट सही हैं तो यह आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करती हैं।"
भारत ने मसूद अजहर को 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाया था। वह 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले, और 2019 के पुलवामा हमले समेत कई आतंकी घटनाओं का मुख्य आरोपी है।
पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल
मसूद अजहर के भाषण और उसकी गतिविधियों ने एक बार फिर पाकिस्तान की दोहरी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 1999 के कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान मसूद अजहर को बंधकों के बदले रिहा किया गया था। इसके बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की, जो भारत और अन्य देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय है।
पाकिस्तान ने 2019 में दावा किया था कि उसने बहावलपुर स्थित मसूद अजहर के मदरसे को अपने नियंत्रण में ले लिया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह केवल दिखावा था। मदरसे पर अब भी जैश-ए-मोहम्मद का कब्जा है और वहां भारी सुरक्षा है।
मसूद अजहर का भाषण: अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
मसूद अजहर का यह भाषण केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। उसने न केवल भारत और इजराइल के खिलाफ जिहाद की बात की, बल्कि पूरे इस्लामिक दुनिया को एकजुट करने की अपील की।
भारत के सख्त रुख के बाद यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस पर क्या कार्रवाई करता है। हालांकि, पाकिस्तान का इतिहास इस बात का गवाह है कि उसने आतंकवादियों के खिलाफ दिखावटी कार्रवाई की है। मसूद अजहर की गतिविधियों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत की रणनीति इस मामले को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
मसूद अजहर का यह भाषण न केवल भारत के खिलाफ एक स्पष्ट धमकी है, बल्कि यह पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ कथित प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है। भारत को इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रहना होगा और पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बाध्य करना होगा।