लखनऊ: फर्जी खबर पर प्रतिक्रिया दे बैठे केजरीवाल, यूपी में 27000 से अधिक बेसिक स्‍कूलों के बंद होने की खबर झूठी...

फर्जी खबर पर प्रतिक्रिया दे बैठे केजरीवाल, यूपी में 27000 से अधिक बेसिक स्‍कूलों के बंद होने की खबर झूठी...
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लखनऊ: यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग ने बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर उन्हें निकटवर्ती विद्यालयों में मर्ज किये जाने की खबरों को निराधार बताया है। इस संबंध में कुछ समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुई थीं, बेसिक शिक्षा विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म "एक्स" पर एक पोस्ट में ये जानकारी दी है।

विभाग के अनुसार कतिपय समाचार माध्यमों में प्रकाशित खबर जिसमें 27000 प्राथमिक विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में विलय करते हुए बंद करने की बात की गई है, जो बिल्कुल भ्रामक एवं निराधार है, किसी भी विद्यालय को बंद किए जाने की कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है।


महानिदेशक बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश, कंचन वर्मा ने बताया कि प्रदेश का प्राथमिक शिक्षा विभाग विद्यालयों में मानव संसाधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने तथा छात्रों, विशेषकर बालिकाओ के, ड्राप आउट दर को कम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस दृष्टि से समय-समय पर विभिन्न अध्ययन किए जाते हैं।

विगत वर्षों में प्रदेश के विद्यालयों में कायाकल्प, निपुण, प्रेरणा आदि योजनाओं के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति एवं सुधार हुए हैं। विभाग के लिए प्रदेश के छात्रों का हित सर्वोपरि है।

फर्जी खबर पर आयी थी केजरीवाल की प्रतिक्रिया…

दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की थी, केजरीवाल ने एक न्‍यूज वेबसाइट के स्‍क्रीन शॉट के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म "एक्स" पर पोस्‍ट करते हुए लिखा था कि “पिछले 10 साल में हमने बड़ी मेहनत से दिल्ली के सरकारी स्कूलों को शानदार बनाया है, वर्ल्ड क्लास सुविधाएँ और शिक्षा का इंतज़ाम किया है। दूसरी तरफ़ यूपी के सरकारी स्कूल हैं जिन्हें बंद करने की तैयारी चल रही है। मैं दिल्ली के लोगों से बस इतना कहना चाहता हूँ कि अगर गलती से भी इस बार बीजेपी को वोट दे दिया तो ये लोग दिल्ली के स्कूलों को भी इसी तरह बर्बाद कर देंगे।”


हालांकि कुछ रिपोट्स का कहना है कि “मंत्री संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव और डीजी के कारनामे के चलते एक और विवादित फैसला वापस लेना पड़ा है। विभागीय वरिष्ठ अधिकारी पुनः झूठा खंडन कर रहे है, हालांकि 13 और 14 नवंबर को आयोजित बैठक को लेकर एक विस्तृत एजेंडा जारी हुआ है, जिसमें स्पष्ट रूप विद्यालयों को मर्ज करने की विस्तृत रूपरेखा स्पष्ट की गई थी…”



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