चमत्कार: प्रसादम को लेकर चर्चा में आए तिरुपति बालाजी मंदिर में छिपे हैं कई रहस्य, जिन्हें खुद वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाएं

प्रसादम को लेकर चर्चा में आए तिरुपति बालाजी मंदिर में छिपे हैं कई रहस्य, जिन्हें खुद वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाएं
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भारत में कई चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं। जिनके बारे में खुद वैज्ञानिक भी जानकर हैरान रह जाते हैं। ऐसे ही रहस्यमयी मंदिरों में से एक है तिरुपति बालाजी मंदिर, जो इन दिनों अपने प्रसाद को लेकर चर्चा मे है। यह मंदिर कई चमत्कारों से भरी हुई है, जो कि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिध्द हैं।

चर्चा में क्यों है तिरुपति बालाजी मंदिर

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुमला पर्वत पर बेहद खूबसूरत तिरुपति बालाजी मंदिर है। इस मंदिर का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि यहां के प्रसाद में मिलने वाले लड्डू ने प्रदेश की सत्ता में उथल पथल मचा दी है। दरअसल, यहां जो लड्डू प्रसाद के रूप में मिलते हैं उसमें मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की पुष्टि हुई है। जिसके बाद देश भर में इसकी चर्चा है।

तिरुपति बालाजी मंदिर के रहस्यमयी तथ्य

  • तिरुपति बालाजी मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है जिन्हें आज तक कोई भी नहीं समझ सका।
  • भगवान तिरुपति बालाजी जो कि भगवान विष्णु के अवतार है उनका वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है।
  • इस मंदिर में भगवान स्वयं अपनी पत्नी पद्मावती के साथ निवास करते हैं।
  • इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को किसी ने नहीं बनाया है भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति यहां स्वयं प्रकट हुई थी। इस मूर्ति पर चोट का निशान है जहां औषधि के रूप में चंदन लगाया जाता है।
  • भगवान की मूर्ति से पसीना भी आता है, जिसे असल में देखा भी जा सकता है।
  • भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर रेशम के असली बाल लगे हैं जो कभी भी नहीं उलझते और हमेशा मुलायम रहते हैं।
  • मंदिर में स्थापित प्रतिमा से समूद्री लहरों की आवाजें आती हैं साथ ही हृदय में माता लक्ष्मी जी की आकृति भी दिखाई देती है।
  • वेंकेटेश्वर स्वामी के मंदिर से 23 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है जिसे कोई नहीं जानता और यहां किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश भी वर्जित है।
  • मंदिर के गर्भगृह में एक दीपक हजारों साल से बिन घी और तेल के जल रहा है।
  • कहते हैं कि पचाई कपूर किसी पत्थर पर लगाया जाए तो उसमें दरारें आ जाती हैं लेकिन बालाजी महाराज के लगाने पर उसमें कोई असर नहीं होता।
  • यहां हजारों लोग प्रतिदिन अपने केश दान करते हैं। यही नहीं इन केशों को फिर धोकर उबाला भी जाता है फिर इन्हीं बालों को सूखाकर करोड़ो रुपए में निलाम किया जाता है।

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