Tirupati Laddu row: 4 घंटे के महायज्ञ से हुआ तिरुपति का शुद्धिकरण, पुजारी बोले अब प्रसाद लेकर घर जा सकते हैं भक्‍त...

4 घंटे के महायज्ञ से हुआ तिरुपति का शुद्धिकरण, पुजारी बोले अब प्रसाद लेकर घर जा सकते हैं भक्‍त...

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में हुई चर्बी और अन्‍य अशुध्‍द तत्‍वोंं की मिलावट के बाद बाज आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) की शुद्धि के लिए महाशांति यज्ञ आयोजित किया गया है।

सुबह 6 से 10 बजे तक चलने वाले पंचगव्य प्रोक्षण (शुद्धिकरण) अनुष्ठान में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड के अधिकारी और 20 पुजारियों ने हिस्सा लिया और अनुष्ठान के दौरान लड्डू और अन्नप्रसादम की रसोई को भी शुद्ध किया गया।

मंदिर अब पूरी तरह से शुद्धि, प्रसाद घर लेकर जा सकते हैं भक्‍तगण - पुजारी

मंदिर के पुजारी ने कहा कि हमने शुद्धिकरण करके भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लिया है। अब सब कुछ शुद्ध हो गया है। भक्‍तगण अब प्रसाद घर लेकर जा सकते हैं। मंदिर के पुजारी कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु, ने बताया, "सरकार ने मंदिर की शुद्धि से संबंधित एक योजना प्रस्तुत की थी, जिसके बाद हमने शांति यज्ञ करने का सुझाव प्रबंधन को दिया। सुबह 6 बजे हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने और उनसे अनुमति प्राप्त करने के लिए गर्भगृह में गए। अब मंदिर पूरी तरह शुद्ध हो चुका है। मैं सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करता हूं कि अब उन्हें कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद को घर ले जाएं।"

18 सितंबर को हुआ था मिलावट का खुलासा

18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी, TDP, ने आरोप लगाया कि YSR कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तिरुपति मंदिर में दिए जाने वाले लड्डू (प्रसादम्) में पशु चर्बी वाला घी और मछली का तेल मिलाया जा रहा था। अगले ही दिन, TDP ने एक लैब रिपोर्ट प्रस्तुत कर अपने दावों की पुष्टि का दावा किया, जिसके बाद देशभर में यह विवाद चर्चाओं आ गया।

इन आरोपों के बाद, राज्य सरकार ने लड्डुओं की गुणवत्ता की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि SIT की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उपवास पर बैठे डिप्टी CM पवन कल्याण

आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM पवन कल्याण तिरुपति लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलने पर काफी आहत हैं और खुद को भी दोषी मान रहे हैं।

उन्होंने कहा - “हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा की धर्मधुरी, श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में, कुत्सित प्रयासों के तहत, जो अपवित्रता का, संचार करने की कोशिश की गई, उससे मैं व्यक्तिगत स्तर पर, अत्यंत मर्माहत हूँ, और सच कहूं तो, अंदर से अत्यंत छला गया, महसूस कर रहा हूँ। प्रभु वेंकटेश्वर से, मेरी प्रार्थना है कि, इस दुःख के क्षण में हमें, और समस्त सनातनियों को, अपनी अहैतुकी कृपा से, सबलता प्रदान करें। मैं अभी इसी क्षण, भगवन से क्षमा प्रार्थी हो, प्रायश्चित दीक्षा हेतु, प्रण सिद्ध कर रहा हूँ, और ग्यारह दिवसीय उपवास हेतु, धर्म संकल्पित हो रहा हूँ। ग्यारह दिवसीय, प्रायश्चित दीक्षा, के उत्तरार्ध में, एक और दो अक्टूबर को, मैं तिरुपति जाकर, प्रभु के साक्षात दर्शन कर, क्षमा प्रार्थी हो, विनती करूंगा और तब, भगवन के समक्ष, मेरे प्रायश्चित दीक्षा की, पूर्णाहूति होगी।”


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