ये हैं बांग्लादेश की टॉप 5 एक्ट्रेस, जो खूबसूरती के मामले में बॉलीवुड अभिनेत्रियों को भी करती हैं फेल
बांग्लादेश में इन दिनों स्थिति कुछ ठीक नहीं है। वहां भीषण हिंसा के बीच तख्ता पलट हो गया। मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपना त्याग पत्र दे दिया और राजधानी ढाका से भारत के लिए रवाना हो गई। अब बांग्लादेश में सेना का राज है। जिसके बाद पडोसी मुल्क बांग्लादेश चर्चा में है। वहां के खेल से लेकर फिल्मी सितारों तक की चर्चा हो रही है। आइए अब हम बताते हैं वहां कि उन खूबसूरत अभिनेत्रियों के बारे में जिन्होंने न सिर्फ अपनी खूबसूरती बल्कि एक्टिंग स्किल के लिए भी जानी जाती हैं।
नुसरत फारिया
नुसरत फारिया मज़हर का जन्म 8 सितंबर 1993 को हुआ था। वह एक अभिनेत्री हैं, जिन्हें सुरोंगो (2023), ढाका 2040 और ऑपरेशन सुंदरबन (2022) के लिए जाना जाता है। उनके खूबसूरती के लाखों दिवाने हैं। हाल में ही उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी।
तांजिन तिशा
बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री में इस खूबसूरत एक्ट्रेस का नाम नंबर वन पर रहता है। अपने लुक्स और स्टाइल से सबको दीवाना बनाने वाली तांजिन ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी। उसके बाद वो कई सारे कमर्शियल और टीवी धारावाहिकों में भी नजर आ चुकी हैं। उन्होंने नाटक यू-टर्न में अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक श्रेणी में मेरिल प्रोथोम एलो पुरस्कार जीता। तिशा ने 2011 में फैशन शूट और रैंप मॉडलिंग के माध्यम से अपना करियर शुरू किया।
तस्निया फारिन
तस्निया फारिन इनका जन्म 30 जनवरी 1998 में हुआ था। इन्होंने भारतीय बंगाली और पश्चिम बंगाल के टॉलीवुड में भी काम किया है। बांग्लादेश की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में इनकी गिनती होती है। तस्निया फारिन को आरो एक पृथ्वी (2023), करागर (2022) और कचेर मानुष दुरे थुइया (2024) के लिए जाना जाता है।
अलीशा प्रधान
14 साल की उम्र से टीवी कमर्शियल से अपने करियर की शुरूआत करने वाली अलीशा प्रधान टीनएज में ही मनोरंजन जगत की सनसनी बन गई थीं। फिल्मों में अलीशा ने अपने करियर की शुरुआत 2015 में की थी। ये भी अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं।
पूर्णिमा
पूर्णिमा एक लोकप्रिय अभिनेत्री हैं, जिन्हें बांग्लादेश और भारत दोनों जगह उनकी एक्टिंग के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 11 जुलाई, 1981 को बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगाँव में हुआ। पूर्णिमा की पहली फिल्म ई जीबन तोमर अमर (1998) थी, जिसमें उनके साथ दिलों की धड़कन हीरो रियाज़ थे, जिसका निर्देशन जाकिर हुसैन राजू ने किया था। जब यह फिल्म रिलीज़ हुई थी, तब वह केवल चौदह साल की थीं और नौवीं कक्षा में पढ़ती थीं।