बे-परवाह रेलवे: हरदोई में फ्रैक्चर ट्रैक पर दे दी ट्रेनों को ’हरी बत्ती’

हरदोई में फ्रैक्चर ट्रैक पर दे दी ट्रेनों को ’हरी बत्ती’
3 और 5 नम्बर प्लेटफॉर्म खाली, दरकी पटरी से गरीब रथ और बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को दिखा दी ’हरी झंडी’

हरदोई। हरदोई में बुधवार को ओएचई लाइन के सम्पर्क में आकर हुए धमाके में दुर्गियाना एक्सप्रेस बाल बाल बची थी। अब शनिवार देर शाम रेलवे विभाग की नई बेपरवाही सामने आई है। रेल महकमे के हाकिमों ने फ्रैक्चर ट्रैक पर दो ट्रेनों को लखनऊ रवाना कर दिया, जबकि तीन और पांच नम्बर प्लेटफॉर्म खाली पड़े थे। मालूम होता है, रेलवे स्टेशन प्रशासन ने ’सुरक्षा और संरक्षा’ का अपना वचन विस्मृत कर दिया है। मुसाफिर ही नहीं खुद की जान दांव पर लगा बाद में खुद एडीईएन (फर्स्ट) और कर्मचारी ट्रैक पर बिना सुरक्षा उपकरणों के फ्रैक्चर जोड़ते दिखे।

शनिवार शाम कोई सवा सात बजे प्लेटफॉर्म नम्बर चार पर बरेली वाराणसी एक्सप्रेस आने को थी। तभी यात्रियों की नजर ट्रैक पर गई तो उन्हें गहरी दरारें दिखीं। उन्होंने फैक्चर की जानकारी फौरन से पेश्तर रेल अधिकारियों को दी। इसके बाद बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को आउटर पर रोक दिया गया। लगा, रेलवे के अफसर पहले सुरक्षा के कोई एहतियाती कदम उठा रहे हैं। लेकिन कारगुजारी ऐसी हुई कि सैकड़ों यात्रियों का जीवन संकट में डाल दिया गया। अधिकारियों की ऐसी हेठी कि आधा घंटा रोकने के बाद बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को फ्रैक्चर ट्रैक से ही गुजार दिया। यह ट्रेन निर्धारित समय शाम 6:45 बजे से 27 मिनट की देरी से 7:14 बजे पहुंची थी। इसे 58 मिनट देरी से 7:45 बजे लखनऊ रवाना किया गया। इस बीच नॉन स्टॉप गरीब रथ को भी रेलवे प्रशासन ने फ्रैक्चर ट्रैक से ही हरी झंडी दिखा दी।

रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों के सुरक्षा मानकों की पोटली बांध समीप के महोलिया शिवपार के पोखर में फेंक ही रखी है, अपने मुलाजिमों की जान जोखिम में डालने में भी तनिक संकोच नहीं करते। गरीब रथ और बरेली वाराणसी की रवानगी के बाद मानक विरुद्ध ट्रैक पर काम होता दिखा। बिना सेफ्टी शू, हेलमेट, जैकेट के खुद एडीईएन (फर्स्ट) और कर्मचारी ट्रैक पर फ्रैक्चर जोड़ते दिखे। इस दौरान प्लेटफॉर्म तीन से कई रन थ्रू ट्रेनों को गुजरना पड़ा।

राम जाने क्या था, पर भयावह था बुधवार

हरदोई। बुधवार को रात तीन बजे दलेलनगर और उमरताली स्टेशन के मध्य ओएचई लाइन के सम्पर्क में आने के बाद हुए धमाके में दुर्गियाना एक्सप्रेस ड्राइवर की सूझबूझ से बाल बाल बची थी। उसे लाइन में कुछ लटकता हुआ दिखाई दिया और बिना देरी इमरजेंसी ब्रेक लगा ट्रेन रोकने की कोशिश की, इसी बीच लाइन में धमाका हो गया और बिजली सप्लाई ठप हो गई। गनीमत रही कि बड़ा हादसा पेश नहीं आया। चार इलेक्ट्रिक ट्रेनों को डीजल इंजन लगा रवाना किया गया। एक ट्रेन को उन्नाव वाया बालामऊ गुजारा गया। एक लखनऊ में ही रोक ली गई थी। राजधानी एक्सप्रेस और वंदे भारत को रूट बदल कर गंतव्य पर पहुंचाया गया था।

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