दो नर चूहों ने मिलकर दिया नए चूहे को जन्म, भविष्य में बिना महिला की मदद के पैदा होंगे बच्चे

दो नर चूहों ने मिलकर दिया नए चूहे को जन्म, भविष्य में बिना महिला की मदद के पैदा होंगे बच्चे
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जापान के क्यूशू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कात्शुहिको हायाशी ने अपनी टीम के साथ मिलकर ये सफल प्रयोग किया है।

वेबडेस्क। प्राकृतिक रूप से किसी बच्चे के जन्म के लिए एक नर और मादा की आवश्यकता होती है। नर के स्पर्म और मादा के अण्डों के मिलने से पहले भ्रूण और फिर एक स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है। लेकिन आने वाले दिनों में अब बिना मादा के ही बच्चों का जन्म हो सकेगा।काल्पनिक लगने वाले इस प्रयोग को जापानी वैज्ञानिकों ने सच कर दिखाया है।


जापान के क्यूशू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कात्शुहिको हायाशी ने अपनी टीम के साथ मिलकर ये सफल प्रयोग किया है।उनकी टीम ने दोनों नर चूहों के शरीर से X और Y क्रोमोसोम निकाले। इसे रिप्रोग्राम करके स्टेम-सेल बनाया। इसके बाद इसमें से Y क्रोमोसोम्स को हटा दिया गया। इसमें दूसरे नर से लिए गए X क्रोमोसोम्स को दूसरी कोशिका में डाला गया।इसके बाद इन कोशिकाओं को ओवरी ऑर्गेनॉयड में विकसित करने के लिए छोड़ दिया गया। इसके बाद यह अंडे में तब्दील हो गए। फिर इसमें सामान्य स्पर्म डालकर 600 भ्रूण बनाए गए। इसके बाद उन्हें सरोगेट चूहे के अंदर डाला गया। इनसे सात चूहे के बच्चे पैदा हुए। इस प्रक्रिया से जो चूहे पैदा हुए है।उनके दो बाप है और माँ कोई नहीं है।

मानवों पर प्रयोग में 10 साल


कात्शुहिको हायाशी का कहना है की इस शोध के जरिए हमने चूहों पर सदल प्रयोग कर लिया है लेकिन मानवों पर बिना महिला के बच्चा पैदा करने में करीब 10 साल लगेंगे। उन्होंने बताया कि हमने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। यदि ये सफल होता है तो इससे न महिलाओं को भविष्य में मां बनने से आजादी मिलेगी, जिनकी सेहत उन्हें गर्भधारण की अनुमति नहीं देती। यदि कोई नर मानव बिना स्त्री के अपना बच्चा पैदा करना चाहता है तो उसे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा फायदा समलैंगिकों को होगा।



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