समरस, समृद्ध, निर्दोष और श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए हों संकल्पित : दीपक जी विस्पुते
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ग्वालियर/वेब डेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दीपक जी विस्पुते ने कहा कि जब समाज जागरुक होगा तभी भारत पुन: परम वैभव के शिखर पर स्थापित होगा। उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि वह समरस, समृद्ध, निर्दोष और श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए संकल्पित हों।
श्री विस्पुते रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर विभाग के शारीरिक प्रकट उत्सव कार्यक्रम को मुख्य वक्ता की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। महाराणा प्रताप कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (एमपीसीटी) में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ग्वालियर के सेवानिवृत्त निदेशक डॉ.डीके दुबे थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर विभाग के संघचालक विजय गुप्ता भी मंचासीन थे। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने शारीरिक अभ्यास का प्रदर्शन कर लोगों का मन मोह लिया। अतिथियों का परिचय संघ के ग्वालियर विभाग कार्यवाह देवेन्द्र गुर्जर ने दिया।
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मुख्य वक्ता श्री विस्पुते ने कहा कि देश में एकता नहीं होने की वजह से ही हमारे ऊपर विदेशी आक्रांताओं ने शासन किया था। समाज अनुशासन युक्त हो, कदम से कदम मिलाकर चले इसी भाव को संघ की शाखाओं द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हनुमान जी को अपनी शक्ति का अहसास नहीं था, उसी तरह जामवंत की तरह हमें भूमिका निभानी चाहिए। हमें अपने हिंदू और सनातन धर्म के गौरव को याद कर वसुधैव कुटंबकम् और सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया को लेकर पूरे विश्व का नेतृत्व करने के लिए अग्रसर होना चाहिए।
अपनी बस्ती और शहर को बनाएं स्वच्छ
संघ के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री विस्पुते ने कहा कि हमें जागरुक नागरिक बनकर अपनी बस्ती, मोहल्ले और शहर को स्वच्छ रखने में योगदान देना चाहिए। अगर हमारी बस्ती में जल का अपव्यय और दिन में स्ट्रीट लाइट जल रही है तो उसे बंद करवाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने इंदौर का उदाहरण देते हुए कहा कि बिना समाज के सहयोग के कोई भी शहर स्वच्छ नहीं रह सकता है।
अहं से वयं की यात्रा
श्री विस्पुते ने कहा कि शाखा में जाने वाला स्वयंसेवक धीरे-धीरे अहं से वयं की यात्रा की तरफ बढ़ता है। स्वयंसेवक को निजी हित त्यागने और राष्ट्र की भलाई के लिए सर्वस्व बलिदान के लिए संघ प्रेरित करता है।
सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए करें काम: दुबे
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.दुबे ने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि वह सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि अगर आप सफल होना चाहते हैं तो अपनी विचार शक्ति को विकसित करें। उन्होंने कहा कि विचारों की पवित्रता और दोष रहित होने से ही मानवता का कल्याण हो सकेगा।
स्वयंसेवकों ने किया प्रदर्शन
शारीरिक प्रकट उत्सव कार्यक्रम में सैकड़ों स्वयंसेवकों ने शाखा में प्रतिदिन चलने वाले शारीरिक अभ्यास का प्रदर्शन किया। इस दौरान स्वयंसेवकों ने समता, मलखंब, नियुद्ध, दंड संचालन, दंड योग, व्यायाम योग आदि की मनोहारी प्रस्तुति दी।