UNESCO ने बंगाल की दुर्गापूजा को दिया सांस्कृतिक विरासत का दर्जा, प्रधानमंत्री ने कहा - "गर्व का पल"
नईदिल्ली/ कोलकाता। देश के लिए बड़ी खुशखबरी है। दुर्गा पूजा को अब विश्व स्तर पर मान्यता मिल गयी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की सांस्कृतिक इकाई यूनेस्को ने कोलकाता की दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कर लिया है। यूनेस्को की पेरिस में आयोजित अंतर सरकारी समिति के 16वें सत्र के दौरान कोलकाता में दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है।
A matter of great pride and joy for every Indian!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2021
Durga Puja highlights the best of our traditions and ethos. And, Kolkata's Durga Puja is an experience everyone must have. https://t.co/DdRBcTGGs9
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व और खुशी की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में यूनेस्को के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, "हर भारतीय के लिए बड़े गर्व और खुशी की बात! दुर्गा पूजा हमारी सर्वोत्तम परंपराओं और लोकाचार को उजागर करती है और कोलकाता की दुर्गा पूजा एक ऐसा अनुभव है जो हर किसी के पास होना चाहिए।"
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में दुर्गा पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। बंगाल सरकार ने यूनेस्को से दुर्गा पूजा को विरासत का दर्जा देने की अपील की थी, जिसे यूनेस्को ने मंजूरी दे दी है। दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल की राजधानी कोलकाता के हर गली-चौराहे और सड़कों पर सुबह से ही माइक्रोफोन और लाउडस्पीकर पर माता की पूजा-अर्चना और मंत्र गूंजते रहते हैं। इसमें सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग शामिल होते हैं और यह त्योहार धीरे-धीरे देश के तमाम हिस्सों में फैलता जा रहा है।