कृषि मंत्री का कानून वापसी पर बड़ा बयान, कहा- इन मुद्दों पर सहमति के लिए बनेगी समिति
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा कर दी गई है। पीएम के इस निर्णय के बाद कृषि मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री का यह फैसला किसानों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और बड़प्पन का परिचायक है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा की मुझे दुख है कि इन कृषि क़ानूनों के लाभ हम देश के कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं हो पाए। हमने कृषि क़ानूनों के बारे में किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन हम सफल नहीं हो पाए। उन्होंने कहा इन सुधारों से पीएम ने कृषि में बदलाव लाने की कोशिश की थी। लेकिन कुछ स्थितियों के कारण कुछ किसानों ने इसका विरोध किया। जब हमने चर्चा का रास्ता अपनाया और उन्हें समझाने की कोशिश की, तो हम सफल नहीं हो सके। इसलिए प्रकाश पर्व पर पीएम ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
जीरो बजट खेती -
उन्होंने आगे कहा की देश इस बात का गवाह है कि जब से पीएम मोदी ने 2014 में सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली है, उनकी सरकार की प्रतिबद्धता किसानों और कृषि के लिए रही है. परिणामस्वरूप आपने देखा होगा कि पिछले 7 सालों में कृषि को लाभ पहुंचाने वाली कई नई योजनाएं शुरू की गई। अब जीरो बजट खेती, एमएसपी, फसल विविधीकरण के मुद्दों पर कमेटी बनाई जाएगी ,समिति में केंद्र, राज्य सरकारें, किसान, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री होंगे। यह एमएसपी को प्रभावी और पारदर्शी बनाने और अन्य मुद्दों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।