Union Carbide Waste Burning: पीथमपुर मामले में सरकार का बड़ा फैसला, अब कोर्ट के आगामी आदेश तक नहीं जलाया जाएगा जहरीला कचरा
पीथमपुर में भारी बवाल के बाद आखिरकार सरकार ने जनता के हितों को ऊपर रखा और फैसला लिया कि कोर्ट के आगामी आदेश तक जहरीले कचरे के जलाने की प्रक्रिया रोक दी जाए। दरअसल, धार जिले के पीथमपुर में भोपाल के यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का कचरा जिसे दुनिया का सबसे जहरीला कचरा बताया जाता है उसे जलाने की तैयारी हो रही थी। जिस कारण से वहां की जनता ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया और कुछ लोगों ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की। जिसके बाद सीएम मोहन यादव की सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है।
देर रात तक चली उच्च स्तरीय बैठक
पीथमपुर के हालात पर सीएम मोहन यादव ने शुक्रवार रात उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, धार विधायक मीना वर्मा, चीफ सेक्रेटरी अनुराग जैन, एडवोकेट जनरल और लॉ सेक्रेटरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
बैठक की जानकारी देते हुए बताया गया कि "यहां उपस्थित सभी सदस्य एकमत हैं कि हमारा निर्णय माननीय न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप है तथा जनता का कोई भी अहित न हो इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।"
कोर्ट की डेडलाइन के कारण कचरा पीथमपुर पहुंचा
सीएम मोहन यादव ने बैठक के बाद बताया कि "हमारी सरकार सदैव जनता के हित को लेकर आगे बढ़ी है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण ही पीथमपुर में यूका का कचरा पहुंचाया गया है। सारे सुरक्षा को ध्यान में रखकर केवल कचरे का परिवहन किया गया। कोर्ट की डेडलाइन थी कि 4 जनवरी के पहले - पहले कचरा पीथमपुर पहुंचे और 6 को कोर्ट उसकी दुबारा रिपोर्ट लेगी।"
अब कोर्ट के आदेश के बाद लिया जाएगा फैसला
उन्होंने आगे कहा कि "अब माना गया है कि इस विषय को नीचे उतारा जाना जरूरी है कि सुरक्षा के मापदंडों से कोई खिलवाड़ नहीं हुआ है उनके डर उतारना जरूरी है। इस बात को कोर्ट के सामने भी रखा जाएगा फिलहाल कोर्ट के आगामी आदेश तक इस काम में सरकार आगे नहीं बढ़ेगी। जनता के साथ अहित नहीं होने देंगे।"