Vicky Vidya Ka Woh Wala Video Review: राज शांडिल्य की कहानी में राजकुमार और तृप्ति की एक्टिंग फिर भी फैंस को फिल्म से क्यों हुई निराशा, पढ़िए

राज शांडिल्य की कहानी में राजकुमार और तृप्ति की एक्टिंग फिर भी फैंस को फिल्म से क्यों हुई निराशा, पढ़िए
फिल्म का आइडिया कमाल का था लेकिन राइटर्स ने हिंदी सिनेमा को ध्यान में नहीं रखा। एक्टिंग और गानों ने फैंस के दिल को टूटने से बचाया।

कहते हैं किसी भी चीज से ज्यादा उम्मीद लगाना सदमे का कारण बनता है। यही हुआ विक्की विद्या का वो वाला वीडियो के साथ। राज शांडिल्य के निर्देशन में बनी इस फिल्म के ट्रेलर के बाद आए गानों ने गजब का माहौल बनाया था। राजकुमार राव का करियर भी इन दिनों ऊचाइयों में है, इससे लोगों को उम्मीद थी कि ये फिल्म कुछ अलग होगी। लेकिन फिल्म ने अपने फैंस को जबरदस्त निराश किया है। दर्शकों की समझदारी के स्तर को बंदरों से भी कम साबित कर दिया है।

अब जानते हैं क्या है फिल्म की कहानी?

ऋषिकेश जैसे धार्मिक नगरी के निवासी विक्की और विद्या का बचपन वाला प्यार शुरूआती 15 मिनट में ही परवान चढ़ गया और दोनों की शादी हो गई। 90वें के दशक के सेट को दिखाने वाली इस फिल्म में दिखाया गया कि नवविवाहित कपल को परिवार के लोग हनीमून के लिए वैष्णों देवी भेजना चाहते हैं। मगर दोनों पहुंच जाते हैं गोवा, जहां अपने हनीमून के खूबसूरत पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं। ताकी बाद में इसी वीडियो को देखकर मुस्कुराया जा सके। वीडियो को कपल ऋषिकेश आने के बाद फिर बेडरूम पलों के साथ देखते हैं। लेकिन फिर सीडी को डीवीडी प्लेयर में ही छोड़ देते हैं जिसे चोर चोरी करके ले जाते हैं। बस फिर क्या होता है इसी में पूरी फिल्म को दर्शाया गया है।

कैसी है फिल्म की कहानी?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म के लिए जो टॉपिक का चुनाव किया गया वो बेहतरीन था। कपिल शर्मा जैसे हिट शो को लिखने वाले राज शांडिल्य इसे लिखा तो लेकिन किस उद्देश्य से लिखा ये कह पाना मुश्किल है। हां यह कह सकते हैं इस फिल्म को देखने के लिए आपको अपना दिमाग घर में रखकर जाना होगा। शायद डायरेक्यर, प्रोड्यूसर और लेखक तीनों एक ही व्यक्ति का होना इस फिल्म के फ्लॉप होने का कारण बनेगी।

एक्टिंग और संगीत ने बचाई थोड़ी बहुत लाज

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो की कहानी समझने के बाद तो आप स्क्रीनप्ले से कोई उम्मीद लगा नहीं सकते। लेकिन इस कहानी में जो अच्छा कहा जा सकता है वो है इसका संगीत और एक्टिंग। राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी के साथ - साथ मल्लिका शेरावत और विजय राज ने भी पुरी तरह कहानी में डूबकर एक्टिंग की है। मुकेश तिवारी से भी गोलमाल जैसे ही कुछ कराने की कोशिश की गई है।

कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि फिल्म का आइडिया कमाल का था लेकिन राइटर्स ने हिंदी सिनेमा को ध्यान में नहीं रखा।

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