Vijayadashami 2024: बुराई पर अच्छाई का पर्व आज, जानिए कब करें रावण दहन क्या है पूजा विधि

बुराई पर अच्छाई का पर्व आज, जानिए कब करें रावण दहन क्या है पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि के समापन के पश्चात दशमी तिथि को विजयादशमी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस त्यौहार का बड़ा महत्व है।

आज दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व शारदीय नवरात्रि के समापन के पश्चात दशमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस त्यौहार का बड़ा महत्व है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है इसीलिए इसे विजयादशमी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर माता जानकी को उसके कैद से आजाद कराया था। यही कारण है कि दशहरे के दिन रावण और उसके भाइयों का दहन भी किया जाता है।

कब है दशहरा?

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्तूबर को सुबह 10 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 13 अक्तूबर को सुबह 09 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में दशहरा पर्व 12 अक्तूबर को ही मनाया जाएगा।

दशहरा पर्व का शुभ मुहूर्त?

बात कारें दशहरा पूजन के शुभ मुहूर्त की तो इसके लिए सुबह 11:44 से 12:30 तक सबसे अच्छा मुहूर्त है इसके अलावा दोपहर 2:30 से दोपहर 2:49 भी पूजन का मुहूर्त रहेगा।

रावण दहन का शुभ मुहूर्त

इस दशहरे पर्व में रावण दहन बड़े धूमधाम से किया जाता है। इसे देखने के लिए लोग एक दूसरे के शहर जाते हैं। यह मात्र धार्मिक कार्यक्रम बनाकर नहीं रह जाता है बल्कि यह समाज की कुरीतियों को भी जलाने का काम करता है। इस बार रावण दहन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होगा। रावण दहन का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

दशहरा की पूजन विधि

आज यानी दशहरे के दिन घर - मंदिर या माता जी के पंडाल में एक साफ चौकी में लाल कपड़ा विछाएं। इसमें पहले श्रीराम जानकी और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर लें। उसके बाद स्वास्तिक चिन्ह बनाकर भगवान गणेश को स्थापित करें। फिल्म नौ देवियों नवग्रह की भी पूजा कर लें। घर के इष्टदेव की पूजा करना न भूलें। प्रसाद के रूप में गुड़ शक्कर से बने पकवान अर्पित करें। फिर धर्म ध्वज पताका पूजा स्थल पर लगा लें। दान दक्षिणा करनाशुभ होता है।

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