आतंकियों के मंसूबे हो जाएंगे फेल: सेना कर रही लोगों को तैयार, Village Defense Guard के लिए 600 लोगों को प्रशिक्षण
जम्मू - कश्मीर में Village Defense Guard के लिए 600 लोगों को प्रशिक्षण
Village Defense Guard : जम्मू कश्मीर विधनसभा चुनाव से पहले सेना सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में जुटी है। आने वाले समय में एक ओर जहां जम्मू - कश्मीर में सैन्य बल बढ़ाया जा सकता है वहीं दूसरी ओर सेना स्थानीय लोगों को भी आपातकालीन परिस्थिति के लिए तैयार कर रही है। विलेज डिफेंस गार्ड (Village Defense Guard) के लिए सेना ने 600 लोगों को प्रशिक्षण के लिए सिलेक्ट किया है। इन्हें आतंकवादी खतरे के समय स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सेना के अधिकारियों की ओर से जारी सूचना के अनुसार, "भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) के साथ मिलकर ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) को प्रशिक्षित करके स्थानीय समुदायों की सुरक्षा बढ़ाने की पहल की है। इस पहल का उद्देश्य इन नागरिकों को अपने गांवों को आतंकवादी खतरों से बचाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है, जिससे क्षेत्र के समग्र सुरक्षा ढांचे को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में लगभग 600 व्यक्ति स्वचालित राइफलों के संचालन, स्क्वाड पोस्ट अभ्यास और मामूली रणनीति में गहन प्रशिक्षण ले रहे हैं।"
विलेज डिफेंस गार्ड क्या है :
वीडीजी नागरिकों का एक समूह है जो सुरक्षा बलों के आने तक हमले की स्थिति में आतंकवादियों से निपटने का काम करते हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए इन्हें बंदूक और गोला-बारूद प्रदान किया जाता है। वीडीजी का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा प्रति माह 4,500 रुपये का भुगतान किया जाता है, जबकि अन्य को 4,000 रुपये मिलते हैं।
नागरिकों को हथियारों से लेस करने की शुरुआत 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों से हुई थी। भारत सरकार ने पाकिस्तानी जासूसों की घुसपैठ से बचाव के लिए सीमा के पास के गांवों में पूर्व सैनिकों और सक्षम युवाओं को हथियारबंद किया था। इस योजना को सफलता मिली थी। स्थानीय लोग रात में अपने क्षेत्रों की रखवाली करते थे और यहां तक कि सेना के जवानों को जानकारी भी प्रदान करते थे, जिसके कारण पाकिस्तानी चौकियाँ नष्ट हो गईं थी और पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
अब जम्मू कश्मीर में दस साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं ऐसे में विलेज डिफेंस गार्ड को तैयार कर सेना आतंकियों के मंसूबे फेल करने का प्लान बना रही है।