Virendra Kumar Khatik Biography: कभी बनाते थे पंचर, अब मोदी 3.0 कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बने वीरेंद्र कुमार खटीक

Virendra Kumar Khatik Biography: कभी बनाते थे पंचर, अब मोदी 3.0 कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बने वीरेंद्र कुमार खटीक
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Virendra Kumar Khatik Biography: कभी बनाते थे पंचर, अब मोदी 3.0 कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बने वीरेंद्र कुमार खटीक, 8 बार रह चुके हैं सासंद

Virendra Kumar Khatik Biography: नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ले चुके हैं। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद से ही बीजेपी देशभर में खुशियां मना रही है, इसी क्रम में मोदी 3.0 का शपथ ग्रहण राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुआ। शपथ समारोह में मोदी के साथ कुल 71 सांसदों ने कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और स्वतंत्र प्रभार की शपथ ली।

वहीं इस बार मोदी कैबिनेट को मध्यप्रदेश से 5 मंत्री मिले हैं, जिसमें टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक भी शामिल है, तो आइए जानते है वीरेन्द्र कुमार खटीक का राजनीतिक सफर।

आठ बार जीत चुके हैं सांसद सीट

मोदी 3.0 मंत्रिमंडल गठन में शामिल वीरेंद्र कुमार खटीक आठवीं बार सांसद बने हैं। वहीं एक बार फिर मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। वह चार बार सागर से ओर चार बार टीकमगढ़ से लोकसभा चुनाव जीते हैं।

राजनीति में हैं शुरू से सक्रिय

1977 से राजनीति में जुड़े डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक का राजनीति सफर बहुत ही लंबा है।

वह 1977 में रीवा संयोजक थे,1979-82 से वे मंडल संगठन सचिव रहे। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा की राजनीति शुरू की। 1982 से 84 तक वे सागर जिले के महासचिव रहे। 1987 में बजरंग दल के सागर जिले के संयोजक बने।

1991 में भाजपा में सागर के सचिव बनाए गए। 1994 में भाजपा के राज्य प्रतिनिधि बने। 1996 में पहली बार सांसद चुने गए। उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें श्रम और कल्याण संबंधी स्थायी समिति का सदस्य बनाया गया। 1998-99 में वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की परामर्श दात्री समिति के सदस्य बने। 1998 में दूसरी बार सांसद चुने गए। 1999 में तीसरी बार सांसद बनने का मौका मिला।

2004 में बतौर सांसद चौथा कार्यकाल शुरू किया। इस दौरान वे श्रम संबंधी समिति में सदस्य रहे, विशेषाधिकार समिति में सदस्य रहे। 2006-08 में भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रहे। 2009 में पांचवीं बार सांसद बने। मई 2014 में छठी बार सांसद चुने गए।

संघर्षों से भरा रहा जीवन

टीकमगढ़ और सागर की जनता पर राज कर रहे डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक का जीवन आसान नहीं था। वह बहुत ही मध्यम परिवार से आते है। 27 फरवरी 1954 में सागर में जन्मे डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक बेहद गरीब परिवार से थे।

उनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा, लेकिन आर्थिक कठनाइयों के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई पूरी कर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 1987 में उन्होंने कमल वीरेन्द्र के साथ सात फेरे लिए। उनके परिवार में तीन बेटी और एक बेटा है। शुरू से खेती किसानी से जुड़े वीरेन्द्र कुमार खटीक 2 करोड़ 88 लाख की प्रॉपर्टी के मालिक है।

पीएचडी होल्डर है वीरेंद्र कुमार खटीक

बता दें की मोदी कैबिनेट में शपथ लेने वाले वीरेंद्र कुमार खटीक उच्च शिक्षत हैं। उन्होंने अपनी मेहनत की दम पर सागर यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है।

स्कूटर पंचर बनाने का करते थे काम

गरीबी के वजह से वीरेंद्र कुमार खटीक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। शुरुआती दिनों में वो सागर में अपने पिता के साथ साइकिल-स्कूटर पंचर ठीक करने का काम करते थे, उनके पास एक पुराना स्कूटर हुआ करता था, जिसपर वो अपने निर्वाचन क्षेत्र में घूमते थे।

वह शुरू से ही अपने सादगी को लेकर जाने जाते है। इसी वजह से केंद्रीय मंत्री रहने के बावजूद वह कई बार बिना सुरक्षा के घर के बाहर निकल जाते थे। यह तक कि कई बार वे आम जनता की तरह मार्केट में सब्जियां खरीदते भी देखे गए।

अब आप वीरेंद्र कुमार खटीक को मोदी 3.0 कैबिनेट में सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता विभाग की जिम्‍मेदारी निभाते हुए देखेंगे।

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