क्या है 'झगड़ा प्रथा'? जिसकी वजह से लड़की के परिजनों को किया जाता है प्रताड़ित
Jhagda Pratha : राजस्थान। आजादी के बाद देश में कई कुप्रथाएं प्रचलित थीं। कुछ समाप्त हो गई हैं लेकिन कुछ अब भी दूर दराज के इलाकों में ज़िंदा हैं। गांव के बूढ़े - बुजुर्गों ने इसे पंचायत के जरिये ज़िंदा रखा है। ऐसी ही एक प्रथा है - 'नातरा या झगड़ा प्रथा'। इस प्रथा के चलते पिछले दिनों एक युवक को उसके जीजा ने मूत्र पिलाई, रिश्तेदारों ने मुंडन किया और लड़कियों के कपड़े पहनाकर उसे जूते की माला पहनाई गई। रिश्तेदारों की अमानवीय घटना के बाद युवक न्याय की मांग कर रहा है। उसे उस बात की सजा दी गई जिसमें न तो उसका न ही उसके परिवार में किसी सदस्य का दोष था। ऐसा नहीं है कि, प्रशासन ऐसी प्रथाओं को रोकने का प्रयास नहीं करता। प्रयास किए जाते हैं लेकिन जब तक लोग खुद न बदलना चाहे किसी भी तरह की प्रशासनिक कोशिश खोखली है।
पहले जानते हैं कि, क्या हुआ था युवक के साथ।
दरअसल, जिस युवक के साथ अमानवीय घटना हुई उसकी चचेरी बहन संगीता अपने ससुराल से गायब है। उसके गायब होने की वजह उसका पति रमेश बंजारा ही है। महिला और उसके पति का आए दिन झगड़ा होता रहता था। झगडे की वजह महिला की जेठानी थी। युवक की बहन ने आरोप लगाए थे कि, उसके पति का उसकी जेठानी के साथ अवैध संबंध है। जेठ की मौत के बाद उसके पति ने अपनी भाभी को साथ में ही रख लिया था। इससे युवक की बहन परेशान थी। उसके साथ आए दिन मारपीट की जाती थी। एक दिन युवक की बहन रहस्य्मयी तरीके से ससुराल से गायब हो गई। अब यहां से दूसरी कहानी शुरू होती है।
अब ससुराल पक्ष ने मायके वालों पर दबाव बनाना शुरू किया। ससुराल वालों का कहना था कि, लड़की को ढूंढ कर लाओ। लड़की के गायब होने का आरोप भी ससुराल वालों ने उसके पिता पर ही लगा दिया। जब लड़की के चचेरे भाई ने ससुराल वालों से कहा कि, आपको भी संगीता को ढूंढना चाहिए तो ससुराल वालों ने लड़के का ही अपहरण कर लिया और उसे प्रताड़ित किया। ये सब ससुराल वालों ने 'झगड़ा' लेने के लिए किया।
अब समझते हैं झगड़ा प्रथा के बारे में :
यह एक सामाजिक कुप्रथा है। इसकी जड़ बाल विवाह से निकलती है। जब बचपन में लड़का - लड़की की शादी कर दी जाती थी तो यह प्रथा प्रचलन में थी। इसके तहत अगर लड़का, लड़की को अपनाने से इंकार दे या लड़की ही लड़के के साथ रहने से मना कर दे या कहीं चली जाए तो पूरा दोष लड़की के घर वालों पर ही मढ़ा जाता था। झगड़ा प्रथा के तहत लड़की के बदले मायके वालों से पैसे मांगे जाते थे। कुछ केस में तो पूरा गांव मिलकर लड़की के घरवालों को प्रताड़ित करता था। ये कुप्रथा आज भी कुछ क्षेत्रों में प्रचलन में है।