Kavach System : क्या है भारतीय रेलवे का कवच सिस्टम, जिससे रोके जा सकते हैं ट्रेन हादसे

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Kavach System : क्या है भारतीय रेलवे का कवच सिस्टम, जिससे रोके जा सकते हैं ट्रेन हादसे

Kavach System : कवच सिस्टम का पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था।

Kavach System : पश्चिम बंगाल में हुए ट्रेन हादसे के बाद हर कोई एक प्रोजेक्ट की चर्चा कर रहा है जिसका नाम है 'कवच', कहा जा रहा है कि, अगर कवच होता तो ट्रेन हादसे में मरने वाले कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। कवच आत्मनिर्भर भारत के तहत एक प्रोजेक्ट है जिसे RDSO, भारतीय उद्योग के सहयोग से विकसित कर रहा है। ट्रेन हादसों को रोकने के लिए इस प्राणाली को क्रांतिकारी बताया गया था। फिलहाल भारतीय रेलवे के 1 - 2 प्रतिशत क्षेत्र में ही यह प्रणाली लागू की गई है। आइए जानते हैं क्या है कवच सिस्टम।

कवच, रिसर्च डिजाइन और मानक संगठन द्वारा भारतीय उद्योग की मदद से तैयार की गई एक प्रणाली है। इसका उद्देश्य उन हादसों को रोकना है जिनमें ट्रेन आपस में टकरा जाती हैं और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। यह एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है। अगर लोकोपायलट स्पीड रिस्ट्रिक्शन के तहत ट्रेन का ब्रेक नहीं लगा पाता तो कवच ऑटोमेटिक ब्रेक सिस्टम को एक्टिव कर देता है। ये दो ट्रेनों को आपस में टकराने से भी बचाता है। बता दें कि, कवच सबसे सस्ती, सेफ्टी लेवल इंटिग्रिटी 4 प्रमाणित प्रौद्योगिकियों में से एक है, जिसमें त्रुटि की संभावना 10,000 वर्षों में 1 है।

साल 2012 में शुरू हुआ था इस प्रणाली पर काम :

भारतीय रेलवे ने इस सिस्टम पर साल 2012 में काम करना शुरू किया था। शुरुआत में इसका नाम ट्रेन कोइलीजन अवॉयडेंस सिस्टम था। इस सिस्टम का पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था। चरणबद्ध रूप से इस प्रणाली का इम्प्लीमेंटेशन किया जाएगा।

कवच की खासियत :

खतरे में सिग्नल पासिंग (SPAD) को रोकता है।

ड्राइवर मशीन इंटरफेस (DMI), लोको पायलट ऑपरेशन सह इंडिकेशन पैनल (LPOCIP) में सिग्नल प्रदर्शन।

हाई स्पीड से ट्रेन चलाने से रोकने के लिए स्वचालित ब्रेक।

लेवल क्रॉसिंग गेट के पास पहुंचते समय ऑटो द्वारा सीटी बजाना

दो ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाना।

आपातकालीन स्थितियों के दौरान SoS संदेश जारी करना।

नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेनों की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव मॉनिटरिंग।

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