लॉकडाउन बढ़े या खत्म हो, PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ किया महामंथन
नई दिल्ली। क्या मंगलवार को लॉकडाउन की मियाद तीसरी बार बढ़ाने का ऐलान हो जाएगा? यह सवाल इसलिए गंभीर है क्योंकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोरोना संकट पर मौजूदा हालात और भविष्य की रणनीतियों की चर्चा करते हुए कुछ मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया। दिलचस्प बात यह है कि पाबंदियां जारी रखने के सुझाव विरोधी दलों के मुख्यमंत्रियों की ओर से ही आए। लॉकडाउन बढ़ाने की मांग करने वालों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम शामिल है।
ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई सभी मुख्यमंत्रियों की मीटिंग के दौरान लॉकडाउन बढ़ाने की जोरदार वकालत की। उन्होंने यहां तक कहा कि लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाया गया तो कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो जाएगा। ठाकर ने मोदी से स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाबंदियों के बिना संक्रमण का प्रसार नहीं रोका जा सकता है।
वहीं, केंद्र की नीतियों की अक्सर आलोचना के लिए मशहूर प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लॉकडाउन पर केंद्र के साथ खड़ी हो गईं। यही नहीं, आज की मीटिंग में उन्होंने लॉकडाउन की अवधि फिर से बढ़ाने की मांग कर डाली। उन्होंने पीएम से यह भी कहा कि कोरोना संकट से निपटने में राज्यों के साथ किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। ममता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े पीएम मोदी और सभी मुख्यमंत्रियों के सामने कहा कि कोविड-19 महामारी को पछाड़ने के लिए पूरे देश और हर प्रदेश को साथ मिलकर काम करना होगा।
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पूरे देश में लोगों की आवाजाही पर पाबंदी की मांग की। उन्होंने जोन आधारित पाबंदियां हटाने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि रेड जोन ही नहीं, ग्रीन जोन में भी लोगों की आवाजाही बंद होनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि रेड जोन से ग्रीन जोन तक, किसी भी इलाके में आवाजाही की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लॉकडाउन फिर से बढ़ाने की वकालत करते हुए इसके लिए सही रणनीति बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, 'कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन को बढ़ाया जाए लेकिन सावधानीपूर्वक तैयार की गई स्ट्रैटिजी के साथ। इसमें राज्यों के आर्थिक और राजकोषीय सशक्तिकरण की मदद से जिंदगी और जीविका को बचाने की तैयारी भी होनी चाहिए।'
इस मीटिंग में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भी 31 मई तक राज्य में रेल सेवा बहाल नहीं करने का आग्रह किया। सीएम के पलानिसामी ने प्रधानमंत्री से कहा कि वो तमिलनाडु में 31 मई तक ट्रेन सर्विस की अनुमति नहीं दें। उन्होंने इसके लिए चेन्नै में कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या का हवाला दिया और कहा कि 31 मई तक रेग्युल एयर सर्विस पर भी पाबंदी लगी रहे।
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधामंत्री के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में गेहूं की अच्छी फसल हुई है, इसकी बदौलत राज्य देश की जीडीपी में बड़ा योगदान करेगा।
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री ने इससे पहले 27 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ आखिरी बार बातचीत की थी। उस मीटिंग में कुछ मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की थी और अगले दिन 28 अप्रैल को लॉकडाउन की मियाद दूसरी बार बढ़ाकर 17 मई तक करने का ऐलान किया गया था। इस बार भी प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा कि केंद्र उनके सुझावों के आधार पर ही फैसले लेता है और आगे की दिशा भी उन्हीं के सुझावों के आधार पर तय होगी। पीएम ने कहा, 'आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे।' मुख्यमंत्रियों की मांग और पीएम के इस बयान का क्या मतलब है, यह संभवतः एक-दो दिन में साफ हो जाएगा।