वाट्सएप नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर फिर फंसा, प्रतिस्पर्धा आयोग को नहीं दिया जवाब
नईदिल्ली। वाट्सएप अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर एक बार फिर विवादों में फंस गया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्राइवेसी पॉलिसी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने में देरी करने पर कंपनी से जवाब मांगा है। ये जांच बीते साल से लंबित है। जिस पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा बार-बार चेताने के बाद भी वाट्सएप ने अब नाही कोई दस्तावेज जाँच समिति को दिया और नाही कोई जवाब भेजा है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर वाट्सएप ने अब तक कोई आधिकारिक बयान भी नहीं दिया है।ऐसे में माना जा रहा है की मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने ज्यातादर भारतीय यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत वॉलेंटरी आधार पर शिफ्ट कर लिया है।वहीँ प्रतिस्पर्धा आयोग का कहना है की इस जाँच का कंपनी की डेटा प्राइवेसी पॉलिसी से कोई संबंध नहीं है। आयोग सिर्फ ये जानना चाहता है की कंपनी कही भारत में अपनी मार्केट डोमिनेंस का गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रही है।
अब तक हुई कार्रवाई -
बता दें की प्रतिस्पर्धा आयोग ने वाट्सएप को जांच शुरू होने से पहले तीन नोटिस भेजे थे। जिसमें दो नोटिस मार्च 2021 और एक नोटिस जून 2021 में भेजा था। जिसके बाद वाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां अभी भी मामला विचाराधीन है। हालाँकि कंपनी को अब तक हाईकोर्ट से मामले में कोई राहत नहीं मिली है।
ये है मामला -
वाट्सएप ने बीते साल 2021 में नई डेटा प्राइवेसी पॉलिसी लांच की थी। जिसके लिए यूजर्स से इसकी मंजूरी ली थी। जो यूजर इसे मंजूरी नहीं करते उन्हें व्हाट्सऐप के मेन फीचर का उपयोग बंद हो जाता। कंपनी की इस पॉलिसी को लेकर प्रतिस्पर्धा आयोग ने वाट्सएप पर अपनी मार्केट डोमिनेंस का लाभ लेने का आरोप लगाया था। आयोग का कहना था की कंपनी यूजर्स पर जबरन प्राइवेसी पॉलिसी को मंजूरी देने के लिए बाध्य कर रही है।
किसी प्रकार का दबाव नहीं -
वाट्सएप ने कोर्ट को जुलाई 2021 में विशवास दिलाया था की कंपनी यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी एक्सेप्ट करने के लिए किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगी। यदि कोई यूजर प्राइवेसी पॉलिसी को मंजूरी नहीं देगा तो उनके फीचर्स डाउनग्रेड नहीं होंगे।