11 साल की उम्र में माता-पिता को खोया, आज ओलंपिक मेडल जीतकर करोड़ों देशवासियों का बना लाडला, पहचानिए कौन...
पेरिस ओलंपिक में शुक्रवार के दिन भारत युवा पहलवान अमन सहरावत ने इतिहास रच दिया। उन्होंने 57 किग्रा केटेगिरी रेसलिंग में प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। इसी के साथ भारत के एक सिल्वर और 5 ब्रांज मेडल के साथ कुल 06 पदक हो गए हैं। कुश्ती में पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का ये पहला पदक था। आइए जानते हैं इतिहास रचने वाले इस 21 साल के युवा अमन सहरावत के बारे में...
कौन है अमन सहरावत?
अमन सहरावत हरियाणा के झज्जर जिले के बीरोहार के रहने वाले हैं। उनका जन्म 16 जुलाई 2003 को हुआ था। साल 2012 के समर ओलंपिक में जब सुशील कुमार ने रजत पदक हासिल किया था तभी 10 साल के अमन ने उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में दाखिला लिया। मात्र 11 साल के उम्र में उनके माता - पिता की मृत्यु हो गई थी।
कैसा रहा अमन सहरावत का करियर?
मात्र 18 साल की उम्र में अमन सेहरावत ने साल 2021 में अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब जीता। उस समय वो कोच ललित कुमार के अंडर ट्रेनिंग करते थे। फिर साल 2022 में अंडर -23 एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता और उसी साल अंडर -23 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। 2022 के एशियाई खेलों में 57 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता। पिछले साल के अगस्त में अस्ताना में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
कैसा रहा इस साल का ओलंपिक?
इसी साल के जनवरी में न्होंने जाग्रेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में पुरुषों की 57 किग्रा स्पर्धा में टेक्निकल सुपीरियोरिटी से अपने सभी मैच जीते। सहरावत ने इस्तांबुल में विश्व कुश्ती ओलंपिक योग्यता में भाग लेकर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। पेरिस ओलंपिक के लिए भारत की ओर से खेलने वाले एकमात्र पुरूष पहलवान हैं। कांस्य पदक जीतने के बाद उन्होंने अपना मेडल देश और अपने माता - पिता को समर्पित किया।