किसानों को राष्ट्रविरोधी और खालिस्तानी बोलने वाले मंत्री माफी मांगे : सुखबीर बादल

किसानों को राष्ट्रविरोधी और खालिस्तानी बोलने वाले मंत्री माफी मांगे : सुखबीर बादल
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अमृतसर। कृषि कानूनोँ के विरोध में चल रहे आंदोलन का आज 17 वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच सहमति ना बन पाने के बाद से नाराज किसान अब आरपार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहें है। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रह किसानों के पक्ष में कई राजेनता और पार्टियां समर्थन में सामने आ रहे है।

इसी कड़ी में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की सरकार में शामिल मंत्रियों ने प्रदर्शन कर रहे राष्ट्रविरोधी और खालिस्तानी कहने के लिए सार्वजानिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए। यह किसानों को बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान सरकार से सवाल किया की आखिर केंद्र सरकार किसानों पर अत्याचार क्यों कर रही है, ऐसे कानूनों को रद्द क्यों नहीं कर रही है, जिससे समाज के वही लोग खुश नहीं है, जिनके लिए ये कानून बनाया गया है।

आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश -

उन्होंने कहा की केंद्र सरकार इसे खालिस्तानियों और राजनीतिक दलों की संज्ञा देकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगर कोई उनसे असहमत होता है तो वे उन्हें देशद्रोही कहते हैं। ऐसे बयान देने वाले मंत्रियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। हम केंद्र के रवैये और इस तरह के बयानों की निंदा करते हैं।

किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास -

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र किसानों की आवाज़ सुनने के बजाय उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रहा है। किसान कृषि कानून नहीं चाहते हैं। केंद्र समाज के उस वर्ग पर अत्याचार क्यों दिखा रहा है, जिनके लिए कानून बनाए गए हैं। वह यह नहीं चाहते हैं? मैं प्रधानमंत्री से किसानों की बात सुनने का अनुरोध करता हूं।बादल ने कहा कि किसान इस भयंकर ठंड में सड़कों पर अपनी रातें बिताने से खुश नहीं हैं, बल्कि असहाय हैं, और कहा कि यह केंद्र सरकार की नीति रही है कि जो कोई भी उनके खिलाफ आवाज उठाता है, उसे राष्ट्र-विरोधी कहा जाता है।

गौरतलब है की संसद के पिछले मानसून सत्र में केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 17 वें दिन में प्रवेश कर गया, किसानों की यूनियनें अब रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की धमकी दे रही हैं।इसके साथ ही उन्होंने तक दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा राजमार्ग को अवरुद्ध करने की का एलान किय है। जिसे देखते हुए राजमार्गों को अवरुद्ध होने से रोकने के लिए पुलिस ने सीमा क्षेत्रों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।


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