कांग्रेस को क्यों याद आते हैं शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह? केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया ये कारण, सुनकर मुस्कुराने लगे सभी सांसद

कांग्रेस को क्यों याद आते हैं शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह? केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया ये कारण, सुनकर मुस्कुराने लगे सभी सांसद
राज्यसभा में शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस के डीएन में ही किसान विरोध है। ये आज से नहीं बल्कि हमेशा से ही है।

केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन ने राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों खासतौर पर कांग्रेस को जमकर घेरा। इस दौरान उन्होंने बताया कि क्यों कांग्रेस को हमेशा से शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह याद आता है? अपने करीब 1 घंटे के संबोधन में शिवराज सिंह ने कांग्रेस पार्टी की जमकर आलोचना की।

कांग्रेस के डीएनए में किसान विरोध

राज्यसभा में शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस को याद भी आते हैं तो शकुनि, चौसर यानी अधर्म के प्रतीक जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। शिवराज सिंह ने कहा जब हम महाभारत काल में जाते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण नजर आते हैं, जबकि विपक्ष को छल- कपट और अधर्म के प्रतीक शकुनी तथा चौसर याद आता है।

शिवराज सिंह ने आगे कहा कि कांग्रेस के डीएन में ही किसान विरोध है। ये आज से नहीं बल्कि हमेशा से ही है। उन्होंने कहा इनके प्राथमिकताएं गलत थीं। 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे और तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। इंदिरा गांधी के समय किसानों से जबरजस्ती लेनी वसूली जाती थी।

मध्य प्रदेश को लेकर कही ये बात

कांग्रेस की सरकार वर्षों तक रही, लेकिन सिंचाई की व्यवस्थाओं पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। इसके एक नहीं अनेक उदाहरण हैं। जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, शुरू से लेकर अभी तक सिर्फ साढ़े 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था थी। हमारी सरकार आई तो हमने इसे बढ़ाकर साढ़े 47 लाख हेक्टेयर किया।

शिवराज सिंह ने बताया कि कांग्रेस केंद्र से लेकर राज्यों के घोषणा पत्र में कर्ज माफी की बात करते हैं। इनके नेता गिनती गिनते थे 1,2,3,4 ...10 दिन में कर्जा माफ नहीं हुआ तो 11वें. दिन मुख्यमंत्री चेंज। एक बार मध्य प्रदेश की जनता ने सरकार बना दिया एक महीना, एक साल, दो साल तक इंतजार किया लेकिन कर्जा माफ नहीं हुआ। तब प्रदेश की जनता ने सरकार ही बदल तब से दोबारा उस प्रदेश कांग्रेस की सरकार नहीं आई।

भारत की राजनीतिक क्षितिज का दैदीप्यमान सूर्य हैं नरेंद्र मोदी

राजीव गांधी ने भी किसानों के हित की बात की लेकिन उनकी आय बढ़ाने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया। कांग्रेस की प्राथमिकताएं गलत थीं। भारत ने जो दुनिया को ज्ञान दिया, 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस ने देश को घोटालों के नाम पर विश्व भर में विख्यात कर दिया। तब जाकर उदय हुआ भारत की राजनीतिक क्षितिज पर एक दैदीप्यमान सूर्य का, जिसने पूरे देश को आशा और विश्वास से भर दिया, उसका नाम है- नरेंद्र मोदी। मोदी सरकार ने कृषि की प्राथमिकताएं बदल दीं।

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