Lord Ganesha: क्यों सबसे पहले की जाती है भगवान गणेश की पूजा, जानिए इसकी पौराणिक कथा
Shree Ganesha: 7 सितंबर से जहां पर गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है वहीं पर भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना का दौर जारी है। इस बीच ही घरों और पंडालों में बप्पा की पूजा के साथ ही श्रद्धालु भक्ति के साथ बाप्पा का ध्यान करते हैं। जैसा कि हम जानते है, किसी भी नए कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। ऐसा क्यों जरूरी है आखिर कैसे भगवान गणेश जी प्रथम पूज्य कहलाए।
पौराणिक कथा में छिपा है रहस्य
इसकी पौराणिक कथा के अनुसार एक बार की बात है, सभी देवी-देवता ही आपस में भिड़ गए कि आखिर सबसे पहले किसकी पूजा की जानी चाहिए।आपस में देवताओं की लड़ाई पर समाधान के लिए नारद जी ने भगवान शिव के पास जाने की सबको सलाह दी। जिस पर भगवान शिव ने इसके लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसके अनुसार शिव जी ने कहा कि सभी देवी-देवताओं को अपने-अपने वाहन से पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाना होगा। जो भी सबसे पहले पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर वापिस आ जाएगा उसे सबसे पहले पूजा जाएगा।
भगवान गणेश ने ऐसे की प्रतियोगिता पूरी
प्रतियोगिता के अनुसार, सभी देवता तो निकल गए अपने वाहन के साथ लेकिन इधर भगवान गणेश अपने छोटे से वाहन मूषक महाराज के साथ सोच में पड़ गए कि, कैसे प्रतियोगिता पूरी की जाए। भगवान गणेश ने एक तरकीब निकाली. उन्होंने पास खड़े अपने माता-पिता, शिव-पार्वती जी का 7 बार परिक्रमा किया और उनके सामने आकर खड़े हो गए. जब बाद में सभी देवी-देवता ब्रह्मांड की परिक्रमा कर के वापिस लौटे तो वहां पर पहले से ही गणेश जी मौजूद थे। इसके साथ ही इस दिन से वे प्रथम पूज्य भगवान जी कहलाए।