शनिदेव को क्यों कहा जाता है कर्मफल दाता? जानिए इन्हें प्रसन्न करने के उपाय

शनिदेव को क्यों कहा जाता है कर्मफल दाता? जानिए इन्हें प्रसन्न करने के उपाय
सावन के पहले शनिवार के दिन जानते हैं इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातें।

भगवान शनिदेव का नाम सुनते ही सबके मन में भय व्याप्त हो जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र माने जाते हैं। साथ ही इन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार गलत कर्म करने वालों के साथ शनिदेव ही न्याय करते हैं। आइए जानते हैं आखिर क्यों शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है और इन्हें प्रसन्न करने के उपाय क्या हैं।

क्यों हैं शनिदेव कर्मफल दाता

आपने सुना होगा कि आपके किए का फल इसी जन्म में मिलता है। दरअसल शनिदेव को शास्त्रों में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। शनिदेव की सभी के अच्छे बुरे कर्मों का फैसला करते हैं और उन्हें दंड भी देते हैं। यही कारण है कि भगवान शनिदेव को कर्म फलदाता और कलयुग का दंडाधिकारी भी कहा जाता है।

भूलकर भी न करें ये काम

शास्त्रों के अनुसार शनिदेव को दूसरों के धन में बुरी नजर रखने वाले लोग बिल्कूल पसंद नहीं करतें। इसके अलावा जो लोग कमजोर लोगों को सताते हैं उन्हें भी भगवान शनिदेव कभी माफ नहीं करतें।

ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न

शनिवार भगवान शनि का दिन माना जाता है। इस दिन सुबह-सुबह स्नान कर जरुरत मंद लोगों को तेल का दान करें। शनिदेव को तेल अर्पित कर उनका पूजन करना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे शनिदेव की मूर्ति के दर्शन सीधे न करें। इसके अलावा भगवान शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सूर्यास्त के बाद सुनसान स्थान में जाकर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। इसे अलावा निर्धन और असहाय लोगों की मदद करने से भी भगवान शनि प्रसन्न होते हैं।

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