निशंक के इस्तीफे के बाद सिंधिया को पुराना बंगला मिलने की संभावना बढ़ी, जुडी हैं बचपन की यादें
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नईदिल्ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया कल बुधवार को मोदी मंत्री मंडल में शामिल हो गए है। वे अब नागरिक उड्डयन मंत्री बन गए है। इसके साथ ही रमेश पोखरियाल निशंक के इस्तीफे ने उनके 27, सफदरजंग रोड स्थित बंगले में वापसी की अटकलों ने जोर दे दिया।
दरअसल, 27 सफदरजंग रोड स्थित ये बंगला सिंधिया परिवार की पहचान रहा है। अपने पिता माधवराव सिंधिया के उत्तराधिकारी बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बंगला आवंटित किया गया था।लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को ये बंगला खाली करना पड़ा था। उस समय मोदी सरकार में मंत्री बने निशंक को ये बंगला आवंटित कर दिया गया था। अब सिंधिया के मंत्री बनने के साथ ही निशंक के इस्तीफे ने बंगले में वापसी की अटकलों को हवा दे दी है।
ज्योतिरादित्य का इस बंगले से भावनात्मक जुड़ाव है। यह वही बंगला है, जिसमें उनका बचपन बीता, जहां दशकों तक उनके पिता माधवराव सिंधिया रहें थे। ज्योतिरादित्य ने 13 साल की उम्र में इस बंगले में पहली बार कदम रखा था। जब माधवराव को राजीव गांंधी कैबिनेट में मंत्री बनने पर यह बंगला आवंटित किया गया था। सूत्रों की माने तो ज्योतिरादित्य अब भी इस बंगले की यादों को दिल में सहेजे हुए है। ऐसे में सिंधिया के मंत्रिमंडल में प्रवेश और निशंक के इस्तीफे के बाद माना जा रहा है की वे जल्द ही वापसी इस बंगले में वापसी कर सकते है।