संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, बहुराज्यीय सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक पेश

नईदिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज शुरू होगा। शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने चुनाव आयुक्त की एक दिन में नियुक्ति, चीन के साथ सीमा पर तनाव, महंगाई, ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सरकार से चर्चा की मांग की है। शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें होंगी।हले दिन बुधवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के विरोध और हंगामें के बीच सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने बहुराज्यीय सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक, 2022 सदन में पेश किया।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह राज्यों का विषय है और केंद्र सरकार इस विधेयक के जरिए राज्यों के मामलों में हस्तक्षेप करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को तैयार करते वक्त राज्यों से विमर्श नहीं किया । उन्होंने कहा कि सरकार को इस विधेयक को लाने से पहले राज्यों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था।
चौधरी ने यह आरोप लगाया कि इस विधेयक को लाकर केंद्र राज्यों के सहकारिता से जुड़े अधिकारों में हस्तक्षेप करना चाहता है। आरएसपी के के. प्रेमचंद्रन ने भी इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह से नियमों के विरूद्ध है। इसे पहले स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए।वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक औऱ सहकारी समितियों के विरुद्ध बताया।केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने विधेयक को समय की जरूरत बताते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी भी तरह से राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप नही करता है। बावजूद, विपक्षी सदस्यों का विरोध जारी रहा। बाद में लोकसभा अध्यक्ष ने बहुमत के आधार पर सदन में विधेयक को पुरस्थापित कर दिया।
प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को दी बधाई -
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का राज्यसभा के सभापति पद पर कार्यभार संभालने के लिए स्वागत किया। उन्होंने धनखड़ को 'किसान पुत्र' और देश में लोगों के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में 'माटी के लाल' जगदीप धनखड़ लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में मदद करेंगे।
राज्यसभा ने सभापति जगदीप धनखड़ का अभिनंदन किया। उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद जगदीप धनखड़ आज पहली बार राज्यसभा के सभापति पद पर कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सदन की अध्यक्षता करने के लिए सभापति धनखड़ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप जीवन में संघर्षों के बीच इस मुकाम पर पहुंचे हैं।बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं इस सदन और देश की ओर से सभापति को बधाई देता हूं। आप संघर्षों के बीच जीवन में आगे बढ़ते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह देश के कई लोगों के लिए प्रेरणा है। आप सदन में इस प्रतिष्ठित पद की शोभा बढ़ा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "हमारे उपराष्ट्रपति एक किसान पुत्र हैं और उन्होंने एक सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है। इस प्रकार, वह जवानों और किसानों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं।"मोदी ने आगे कहा, "संसद का यह सत्र ऐसे समय आयोजित किया जा रहा है जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और जब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर चुका है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी आदरणीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी समुदाय से आती हैं। उनसे पहले, हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समाज के हाशिए के तबके से थे और अब, हमारे उपराष्ट्रपति किसान पुत्र हैं। हमारे उपराष्ट्रपति को कानूनी मामलों की भी अच्छी जानकारी है।