Human-Wolf Conflict: इंसानों से बदला लेने आए हैं भेड़िए, वन विभाग के पूर्व अधिकारी ने जताई संभावना

इंसानों से बदला लेने आए हैं भेड़िए, वन विभाग के पूर्व अधिकारी ने जताई संभावना
बहराइच में भेड़ियों के इलाके में आक्रामक होने के पीछे कई वजहें सामने आ रही है। हाल ही में पूर्व वन विभाग के अधिकारी ने दावा किया है जिससे अलग ही वजह सामने आई है।

Human-Wolf Conflict: उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं पर अब तक भेड़ियों हमले से कई मौत और हो गई है। इस प्रकार से भेड़ियों के इलाके में आक्रामक होने के पीछे कई वजहें सामने आ रही है। हाल ही में पूर्व वन विभाग के अधिकारी ने दावा किया है जिससे अलग ही वजह सामने आई है।

जानिए क्या कहा पूर्व वन अधिकारी ने

आपको बताते चलें कि, भेड़ियों को लेकर बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ डिविजन के पूर्वी वन अधिकारी ज्ञान प्रकाश सिंह ने इसे लेकर कहा है कि, अन्य शिकारी जानवरों की तुलना में भेड़ियों में बदला लेने की प्रवृत्ति बहुत ज्यादा होती है, यह बात मैं अपने अनुभव से कह रहा हूं भेड़ियों के लगातार हो रहे हमले के पीछे वजह इंसान ही है। इंसानों ने अपने सुख के लिए भेड़ियों की प्रजातियों को नुकसान पहुंचाया या तो उनका घर बर्बाद किया होगा. या उनके बच्चों को मारा होगा. इसी का बदला भेड़िए ले रहे हैं।

इस घटना से आक्रामक हुए भेड़िए

यहां पर एक और वन अधिकारी वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सलाहकार सिंह ने बताया कि , 25 साल पहले जौनपुर और प्रतापगढ़ की घटना को समझें तो उस समय सई नदी के किनारे वाले इलाके में 50 से ज्यादा बच्चों को भेड़ियों ने मारा था। जांच में पता चला था कि उस समय कुछ बच्चों ने भेड़ियों के दो बच्चों को मारा था, जिसके बाद मारे गए शावकों के माता-पिता भेड़ियों ने इंसानों के बच्चों को मारना शुरू कर दिया था।

मार्च से भेड़िए कर रहे हैं हमले

बता दें कि, बहराइच में भेड़ियों का आतंक मार्च से बना हुआ है जिसमें अब तक भेड़ियों के हमले में 8 लोगों की जान जा चुकी है तो जिसमें सात बच्चे शामिल है। इसके अलावा 36 से ज्यादा लोग घायल पाए गए हैं जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। पूरा जिला और आसपास का इलाका इस समय भेड़ियों से सहमा हुआ है लोग डरे हुए हैं। मार्च से हो रहे हमलों में सबसे ज्यादा घटनाएं 17 जुलाई को हुईं।

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