Chhath Puja 2024: सूप के बिना अधूरी मानी जाती है छठ व्रत की पूजा, जानिए इस परंपरा के पीछे का महत्व
Chhath Puja 2024 : हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का काफी महत्व होता है इसमें कई व्रत महिलाओं द्वारा रखे जाते हैं आने वाले दिन 5 नवंबर से नहाय - खाय के नियम के साथ छठ पूजा की शुरुआत होने वाली है। यह कठिन व्रत महिलाएं अपने संतान, सुख और समृद्धि के लिए 36 घंटों के नियम के साथ रखती है। इस व्रत पूजा के दौरान वैसे तो कई परंपरा लेकिन आपने यहां सूप का प्रयोग देखा होगा का इस्तेमाल यहां क्यों किया जाता है और इसके पीछे क्या मान्यता है चलिए जानते हैं।
क्यों करते हैं सूप का इस्तेमाल
छठ पूजा के दौरान सूप का इस्तेमाल किया जाता है। यहां पर सूप बांस का बना होता हैं। बांस एक प्राकृतिक वस्तु है और इसे प्रकृति का प्रतीक माना जाता है। छठ पूजा में प्रकृति की पूजा की जाती है इसलिए छठ पूजा में बांस के सूप का उपयोग किया जाता है। बांस को शुद्ध और पवित्र माना जाता है और इसलिए इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाता है। मान्यता यह है कि इसके सेवन से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और व्रती को मनवांछित फल मिलता है।
छठ व्रत पूजा की शुभ तिथि
षष्ठी तिथि आरंभ: 07 नवंबर, 12: 41 प्रातः
षष्ठी तिथि समाप्त: 08 नवंबर, 12: 34 प्रातः
ऐसे उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा। छठ पूजा संपन्न करने के लिए इस तरह से शाम के समय का अर्घ्य 7 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा। इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा।
जानिए छठ व्रत करने के फायदे
यहां पर छठ व्रत पूजा करने के महत्व को बताया गया है।
1- पूरी श्रद्धा से छठ माता की पूजा करने वाले पति-पत्नी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और नि:संतान दंपत्तियों को संतान का सुख मिलता है।
2- इसके अलावा प्राचीन काल में लोग प्राकृतिक चीजों का ही उपयोग करते थे। चूंकि बांस आसानी से उपलब्ध हो जाता था, इसलिए इसका उपयोग पूजा के लिए किया जाता था।
3- सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन का दाता माना जाता है। बांस तेजी से बढ़ने वाला पौधा है और इसलिए इसे सूर्य देव की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
4- छठ पूजा में बांस के सूप का उपयोग किया जाता है, जो विशेष रूप से डोम जाति द्वारा तैयार किया जाता है। इसका उपयोग अर्घ्य देने और प्रसाद रखने के लिए किया जाता हैं।